लोकसभा चुनाव 2019: जहानाबाद लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: बिहार की जहानाबाद लोकसभा सीट से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी(आरएलएसपी) के नेता अरूण कुमार सांसद हैं। साल 2014 के चुनाव में अरूण कुमार ने राजद प्रत्याशी को भारी मतों से पराजित करके जीत हासिल की थी। साल 2014 के चुनाव में नंबर 2 पर आरजेडी, नंबर 3 पर जेडीयू और नंबर 4 पर सीपीआई थी। गौरतलब है कि ये साल 2014 का चुनाव राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने भाजपा के समर्थन से लड़ा था। अब आरएलएसपी एनडीए से बाहर हो गई है।
जहानाबाद लोकसभा सीट का इतिहास
जहानाबाद
जिला
राजधानी
पटना
से
करीब
45
किमी
दूर
स्थित
है
और
ये
मगध
डिवीजन
का
हिस्सा
है,
जहानाबाद
साल
1986
में
गया
से
अलग
होकर
जिला
बना
था,
वर्तमान
में
जहानाबाद
प्रखण्ड
में
कुल
93
पंचायते
हैं।
साल
1957
के
चुनाव
में
यहां
से
कांग्रेस
जीती
थी
और
यहां
से
सत्यभामा
देवी
सांसद
बनी
थीं
और
उन्हें
यहां
की
पहली
सांसद
होने
का
गौरव
हासिल
हुआ
था।इसके
बाद
वो
1962
में
भी
यहां
सांसद
की
कुर्सी
पर
विराजमान
रहीं,
लेकिन
1977
में
यहां
पर
जनता
पार्टी
की
जीत
हुई
और
हरिलाल
प्रसाद
सिन्हा
यहां
से
एमपी
चुने
गए।
साल
1980
में
एक
बार
फिर
से
यहां
से
कांग्रेस
जीती
और
महेंद्र
प्रसाद
यहां
से
एमपी
बने
लेकिन
1984
के
चुनाव
में
यहां
पर
सीपीआई
ने
जीत
के
साथ
खाता
खोला
और
रामाश्रय
प्रसाद
सिंह
यहां
से
सांसद
चुने
गए,
वो
लगातार
चार
बार
इस
सीट
से
सांसद
रहे
और
इस
प्रकार
इस
सीट
पर
84
से
लेकर
96
तक
सीपीआई
का
राज
रहा।
साल 1998 के चुनाव में सीपीआई के राज को राष्ट्रीय जनता दल ने खत्म किया और यहां जीत के साथ खाता खोला लेकिन इसके एक साल बाद ही हुए चुनाव में यहां से जेडीयू के अरूण कुमार ने बड़ी जीत दर्ज की लेकिन इसके बाद साल 2004 में राजद ने जदयू से हार का बदला ले लिया। साल 2009 के चुनाव में फिर से जेडीयू ने यहां जीत दर्ज की और साल 2014 के चुनाव में यहां पर एक बार फिर से अरूण कुमार विजयी हुए लेकिन इस बार उनकी जीत राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी के टिकट पर हुई।
अरूण कुमार का लोकसभा में प्रदर्शन
उपेंद्र कुशवाहा और अरुण कुमार ने मिलकर ही 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले रालोसपा की स्थापना की थी। उस वक्त उपेंद्र कुशवाहा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अरुण कुमार बिहार प्रदेश के अध्यक्ष बनाए गए थे। दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच सालों के दौरान लोकसभा में अरुण कुमार की उपस्थिति 88 प्रतिशत रही है। इस दौरान उन्होंने 57 डिबेट में हिस्सा लिया और 62 प्रश्न पूछे।
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जहानाबाद लोकसभा सीट पर वोटरों की संख्या 14 लाख 23 हजार 246 थी, जिसमें से केवल 8 लाख 11 हजार 516 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग किया था। इसमें वोट डालने वाले पुरुषों की संख्या 4,43,737 और महिलाओं की संख्या 3,67,779 थी। जहानाबाद की कुल जनसंख्या 22,83,923 है, जिनमें से 91 प्रतिशत आबादी ग्रामीण अंचल और 8 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों का हिस्सा है। साल 2014 से साल 2019 की तस्वीर बदली हुई है।
इस समय भाजपा के साथ नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू खड़ी है और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी उससे अलग हो गई है। आज उपेंद्र कुशवाहा विरोधियों के साथ तो अरूण कुमार ने उनका साथ छोड़ दिया है और वो एनडीए के साथ हैं। ऐसे में इस सीट का दंगल काफी रोमांचक दौर में पहुंच गया है, रालोद की पूरी कोशिश इस सीट पर वापसी करने की होगी, वो हर हालत में विधानसभा सीट पर हुई जीत को यहां भूनाने की कोशिश करेगी, गौरतलब है कि साल 2018 के उपचुनाव में जहानाबाद विधानसभा सीट राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने 35036 वोटों से जीतकर जेडीयू को करारा झटका दिया था। तो वहीं आरएलएसपी की पूरी कोशिश इस सीट को बचाने की होगी और इस वजह से वो एड़ी-चोटी का दम इस सीट को जीतने में लगाएगी लेकिन असली फैसला तो जनता को करना है और उसके मन में क्या है इसका पता तो चुनावी नतीजों से ही चलेगा।