लोकसभा चुनाव 2019: फर्रुखाबाद लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की फर्रुखाबाद लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद भाजपा के मुकेश राजपूत हैं। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर सपा दूसरे नंबर पर, बसपा तीसरे नंबर पर और कांग्रेस नंबर चौथे नंबर पर रही थी। 1998 के बाद 2014 में भाजपा ने ये सीट जीती थी।
फर्रुखाबाद लोकसभा सीट में पांच विधानसभा सीटें
यूपी के फर्रुखाबाद लोकसभा सीट के अंतर्गत पांच विधानसभा सीटें आती हैं। इनके नाम अलीगंज ,कैमगंज, अमृतसर भोजपुर और फर्रुखाबाद हैं। साल 1957 से 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा। कांग्रेस की जीत का सिलसिला 1977 में भारतीय लोकदल के दयाराम शाक्य ने कांग्रेस के अवधेश चन्द्र सिंह को हराकर तोड़ा था। 1991 में आमचुनावों में कांग्रेस ने यहां वापसी की और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने जीत दर्ज की। 1996 में भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर पहली बार जीत दर्ज की, स्वामी सच्चिदानद हरी साक्षी यहां से एमपी चुने गए।
1998 में बीजेपी के स्वामी सच्चिदानद हरी साक्षी दोबारा यहां के सांसद निर्वाचित हुए। 1996 और 1998 के चुनावों में हुई हार का बदला समाजवादी पार्टी ने 1999 के चुनाव में लिया, जब समाजवादी प्रत्याशी चंद्रभूषण सिंह उर्फ़ मुन्नू भईया ने भाजपा प्रत्याशी प्रो.रामबक्श सिंह वर्मा को हराया था। 2004 में समाजवादी मुन्नू भईया ने दोबारा इस सीट पर कांग्रेसी उम्मीदवार लुइस खुर्शीद को हराकर जीत दर्ज की थी। 2009 में हुए आमचुनावों में कांग्रेस के सलमान खुर्शीद ने बहुजन समाजवादी पार्टी के नरेशचन्द्र अग्रवाल को 27,199 वोटों से हराया था लेकिन साल 2014 में ये सीट भाजपा के पास आ गई।
मुकेश राजपूत
भाजपा नेता मुकेश राजपूत के काम पर नजर डालें तो पिछले 5 सालों के दौरान उनकी लोकसभा में उपस्थिति 91 प्रतिशत रही। इस दौरान उन्होंने सदन में 43 डिबेट में हिस्सा लिया और 28 प्रश्न पूछे हैं।
फर्रुखाबाद लोकसभा सीट, परिचय- प्रमुख बातें-
फर्रुखाबाद
कानपुर
मंडल
का
हिस्सा
है
फर्रुखाबाद
जिले
का
गठन
1997
में
हुआ
फर्रुखाबाद
शहर
को
पोटैटो
सिटी
(आलू
का
शहर)
के
नाम
से
मशहूर
औसत
साक्षरता
दर
72%
है
देश
के
250
पिछड़े
क्षेत्रों
में
होने
की
वजह
से
पिछड़ा
क्षेत्र
अनुदान
निधि
के
तहत
विशेष
सहायता
मिलती
है
84
प्रतिशत
आबादी
हिंदू
और
14
प्रतिशत
आबादी
मुस्लिम
है
2014
के
चुनाव
में
1613781
मतदाताओं
ने
हिस्सा
लिया
55
प्रतिशत
पुरुष
और
44
प्रतिशत
महिलाओं
ने
की
मतदान
में
भागेदारी
रही
थी।
उस
साल
यहां
पर
1613781
मतदाताओं
ने
हिस्सा
लिया,
जिसमें
55
प्रतिशत
पुरुष
और
44
प्रतिशत
महिलाएं
शामिल
थीं।
फर्रुखाबाद
की
84
प्रतिशत
आबादी
हिंदू
और
14
प्रतिशत
आबादी
मुस्लिम
है।
सपा-बसपा के गठबंधन के बाद इस सीट पर चुनाव दिलचस्प होने के आसार हैं।