लोकसभा चुनाव 2019: भिंड लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश की भिंड लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद भाजपा के डॉ.भागीरथ प्रसाद सांसद हैं। उन्होंने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस की दिग्गज नेता इमरती देवी को 1 लाख 59 हजार 961 वोटों से हराया। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर नंबर 2 पर कांग्रेस, नंबर 3 पर बसपा और नंबर 4 पर BSD थी। चम्बल नदी के बीहड़ के लिए पूरे भारत में अलग पहचान रखने वाला भिंड जिला अपनी कलात्मक सौन्दर्य और वास्तु सुंदरता के लिए काफी मशहूर है। ऐसा माना जाता है ,भिण्ड का नाम भिंडी ऋषि के नाम पर रखा गया है। जहां ये अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र है वहीं दूसरी ओर ये बीहड़ के डाकूओं के लिए बदनाम भी रहा है। यहां की जनसंख्या 24 लाख 89 हजार 759 है , जिसमें से 75 प्रतिशत आबादी गांवों में निवास करती है तो वहीं 24 प्रतिशत लोग यहां शहरों में रहते है।
भिंड लोकसभा सीट का इतिहास
भिंड लोकसभा सीट साल 2009 के चुनाव के दौरान अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित हो गई, जिसके बाद यहां कि जातीय समीकरण बदल गए। इससे पहले ये सीट सामान्य श्रेणी में आती थी। साल 1952 से लेकर 1971 तक के चुनावों में यहां पर कांग्रेस का राज रहा है लेकिन साल 1977 के चुनाव में यहां भारतीय जनसंघ ने जीत दर्ज की थी लेकिन 1980 में एक बार फिर यहां कांग्रेस विजयी हुई और साल 1984 तक उसका राज यहां रहा लेकिन 1989 में पहली बार इस सीट पर कमल खिला और नरसिंह राव दीक्षित यहां से सांसद बने और तब से लेकर आज तक यहां पर भाजपा का ही कब्जा है, साल 1996 के चुनाव में यहां से डॉक्टर रामलखन सिंह एमपी बने थे और वो यहां से लगातार चार बार सांसद रहे इसके बाद साल 2009 के चुनाव में यहां से अशोक अर्गल जीतकर लोकसभा पहुंचे थे तो वहीं साल 2014 के चुनाव में यहां से डॉ.भागीरथ प्रसाद जीते। खास बात ये है कि साल 2014 के चुनाव से ठीक पहले डॉ.भागीरथ प्रसाद ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन की थी, जिसके बाद उन्होंने भिंड से चुनाव लड़ा और कांग्रेस को यहां भारी मतों से हराया।
डॉ.भागीरथ प्रसाद का लोकसभा में प्रदर्शन
दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच सालों के दौरान डॉ.भागीरथ प्रसाद की लोकसभा में उपस्थिति 85 प्रतिशत रही। इस दौरान उन्होंने लोकसभा में 26 डिबेट में हिस्सा लिया और 76 प्रश्न पूछे। साल 2014 के लोकसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 15 लाख 98 हजार 169 थी, जिसमें मात्र 7 लाख 29 हजार 84 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग किया, जिनमें पुरुषों की संख्या 4 लाख 69 हजार 603 और महिलाओं की संख्या 2 लाख 59 हजार 481 थी।