अमित शाह: जिनके सामने नहीं टिका कोई किला, जमकर लहराया भगवा परचम
अमित शाह ने कुशल कूटनीति का परिचय देते हुए 2018 में उन राज्यों में भी भाजपा की सरकार बना दी, जहां पार्टी को बहुमत से कुछ कम सीटें मिलीं।
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नई दिल्ली। यूपी, उत्तराखंड समेत उन राज्यों में, जहां साल 2018 में विधानसभा चुनाव हुए, भाजपा का झंडा लहराने के लिए अगर किसी एक व्यक्ति को श्रेय दिया जाए तो वो हैं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह। 2014 से पहले केवल 6 राज्यों में शासन करने वाली भाजपा को अमित शाह ने अपनी कुशल रणनीति के जरिए 19 राज्यों तक पहुंचा दिया। हाल ही में संपन्न हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में बेहद मुश्किल लग रही जीत को भी शाह ने भाजपा के नाम कर दिया। साल 2018 में देश के 7 राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए और शाह के नेतृत्व में पांच में भाजपा को विजयश्री मिली।
यह अमित शाह की रणनीति ही थी कि 2018 में उन राज्यों में भी भाजपा की सरकार बऩी, जहां पार्टी को बहुमत से कुछ कम सीटें मिलीं। शाह की रणनीति की सबसे बड़ी खासियत यह है कि हर चुनाव में वो खुद को इतना झोंक देते हैं कि उनकी मेहनत और लगन देखकर कार्यकर्ताओं का जोश भी सातवें आसमान पर होता है। गुजरात विधानसभा चुनाव में ही अमित शाह ने 31 चुनावी रैलियां और कुल 6665 किमी की यात्रा की।
सियासत के दिग्गज इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि बूथ मैनेजमेंट के मामले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का कोई जवाब नहीं है। 2018 में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए, वहां-वहां शाह ने बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं की एक ऐसी बेहद मजबूत टीम तैयार की है, कि विपक्ष उनका तोड़ नहीं ढूंढ पाया। जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं तक पहुंच और निजी तौर पर उनसे जुड़े रहने के कारण अमित शाह ने कई चुनावों का रुख पलट दिया।
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