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Pratiksha Tondwalkar: जिस SBI बैंक में लगाती थीं झाड़ू-पोछा,आज वहीं हैं असिस्टेंट जनरल मैनेजर

Pratiksha Tondwalkar: जिस SBI बैंक में लगाती थीं झाड़ू-पोछा,आज वहीं हैं असिस्टेंट जनरल मैनेजर

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मुंबई, 02 अगस्‍त: कुछ कर गुजरने का जज्‍बा, लगन और आत्‍मविश्‍वास हो तो इंसान हर हाल में कामयाब होता है। ऐसी ही महिला प्रतीक्षा टोंडवलकर हैं जिनकी कहानी ये ही सच्‍चाई बयां करती है। प्रतीक्षा जो आज बैंक में सहायक महाप्रंधक (AGM)के पद पर काम कर रही हैं वो पहले उसी बैंकस्‍टेट बैंक में स्‍वीपर का काम करती थी। बैंक में सफाई की काम करने वाली स्‍वीपर से सहायक महाप्रंबंधक की कुर्सी पर पहुंचने तक का प्रतीक्षा का सफर आसान नहीं था उसके पीछे उनकी वर्षों की कड़ी मेहतन है।

बाथरूम तक साफ करती थीं प्रतीक्षा

बाथरूम तक साफ करती थीं प्रतीक्षा

आपको जानकर हैरानी होगी जब मजबूरी में प्रतीक्षा ने बैंक में स्‍वीपर की नौकरी की तो वो आंठवीं पास थी। आज सहायक महाप्रबंधक के पद पर बैठकर हर दिन लाखों रुपये का लेन-देन देखने वाली प्रतीक्षा कभी बैंक की साफ सफाई और यहां तक बाथरूम तक साफ करती थीं। इस सफलता को पाने पीछे प्रतीक्षा की वर्षों की कड़ी मेहतन और त्‍याग है।

16 साल की उम्र में हुई शादी, 20 में हो गई विधवा

16 साल की उम्र में हुई शादी, 20 में हो गई विधवा

प्रतीक्षा का जन्‍म 1964 में पुणे में गरीब माता-पिता के घर हुआ। जब वो 16 साल की थी तब उनकी शादी सदाशिव कडू से हुई और उन्हें अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी। मुंबई में एसबीआई में एक बुक बाइंडर के रूप में उनका पति काम करता था और शादी के एक साल बाद उनका पहला बेटा हुआ। लेकिन एक दिन गांव जाते समय, एक दुर्घटना में उनके पति कडू की मृत्यु हो गई। उस समय प्रतीक्षा की उम्र महज 20 साल थी।

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बेटे और अपना पेट पालने के लिए मांगी नौकरी की भीख

बेटे और अपना पेट पालने के लिए मांगी नौकरी की भीख

पति की मौत के बाद प्रतीक्षा के सामने अपना और अपने बेटे का पेट पालने के लिए पैसे की जरूरत थी। प्रतीक्षा ने बताया मेरे मृत पति का कुछ बकाया था जिसे लेने जाने के लिए मुझे एसबीआई ब्रांच कई बार जाना पड़ा। मुझे पता था कि मुझे नौकरी करनी है लेकिन मैं योग्य नहीं थी। इसलिए मैंने बैंक से नौकरी में मदद मांगी ताकि मैं और मेरा जीवित रह सके।

स्‍वीपर की नौकरी में मिलते थे 65 रुपये

स्‍वीपर की नौकरी में मिलते थे 65 रुपये

बहुत गुजारिश के बाद प्रतीक्षा को बैंक में सफाई कर्मचारी के रूप में नौकरी मिल गई। उसके काम बैंक परिसर में झाडू लगाना, बाथरूम की सफाई करना और फर्नीचर झाड़ना शामिल था - इन सभी से उसे लगभग 60-65 प्रति माह रुपये दिया जाता था। उसने अन्य छोटे-मोटे काम किए और बाकी दिन अपने बेटे की देखभाल करती रही और अगली सुबह फिर से काम पर लौट जाती।

 दिहाड़ी मजदूरी के साथ पास की 10वीं की परीक्षा

दिहाड़ी मजदूरी के साथ पास की 10वीं की परीक्षा

कड़ी मेहनत के साथ प्रतीक्षा ने हार नहीं मानी। उसकी महत्वाकांक्षा अन्य लोगों को की तरह अच्‍छी नौकरी और बेहतर सैलरी पाने की थी। उसने अपनी सभी सामाजिक अपेक्षाओं को दरकिनार करने का फैसला किया और सपने के लिए काम करना शुरू कर दिया।दोस्तों और रिश्तेदारों ने उसे किताबें दिलाने में मदद की और दिहाड़ी मजदूरी के साथ उसने 10 वीं कक्षा की परीक्षा पास करने के लिए पढ़ाई शुरू की और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

बच्‍चे की छोटी सी डिमांड पूरी करने के लिए सहती थीं ये तकलीफ

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प्रतीक्षा की नजर बैंकिंग परीक्षा पर थी लेकिन इसके लिए न्यूनतम योग्यता 10+2 होनी चाहिए। प्रतीक्षा ने बताया मेरी आर्थिक स्थिति खस्ताहाल थी। मैंने मुश्किल से कुछ कमाया। अपने घर को सुरक्षित करना और अपने बेटे की देखभाल करना भी शामिल था लेकिन मुझे इससे बाहर आना पड़। उन्‍होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा जब भी मेरा बेटा विनायक बिस्कुट का एक पैकेट मांगता, मैं बस में एक स्टॉप जल्दी उतर जाता, ताकि मैं पैसे बचा सकूं ताकि मैं उस पैसे से बेटे के लिए बिस्‍कुट खरीद सकूं।

ऐसे मिली कर्ल्‍क के पद की पहली नौकरी

ऐसे मिली कर्ल्‍क के पद की पहली नौकरी

इसके बाद प्रतीक्षा ने मुंबई के विक्रोली में एक नाइट कॉलेज में एडमीशन लिया, 12वीं की परीक्षा पास की और 1995 में एक अन्य नाइट कॉलेज में मनोविज्ञान में पढ़ाई की।

दूसरे पति ने बैंकिंग परीक्षा देने के लिए प्रोत्साहित किया

दूसरे पति ने बैंकिंग परीक्षा देने के लिए प्रोत्साहित किया

बैंक ने उन्हें एक क्लर्क के पद पर पदोन्नत किया। 1993 में प्रतीक्षा ने बैंक संदेशवाहक प्रमोद टोंडवलकर से शादी करने का फैसला किया, उन्‍होंने प्रतीक्षा को बैंकिंग परीक्षा देने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रतीक्षा ने बताया उनके पति घर के काम में मदद की और बच्चों की देखभाल की जिसके कारण मुझे अपने करियर पर फोकस करने का समय मिल पाया।

 आज हैं एसबीआई के सहायक महाप्रबंधक

आज हैं एसबीआई के सहायक महाप्रबंधक

2004 में ट्रेनी ऑफिसर अधिकारी के पद पर प्रमोशन मिलने के बाद एक के बाद एक सीढ़ी चढ़ती गईं और एसबीआई या एजीएम के सहायक महाप्रबंधक के पद पर पहुंचने से पहले प्रतीक्षा पिछले 18 वर्षों तक कई पदों पर रही। प्रतीक्षा टोंडवलकर ने भारतीय स्टेट बैंक की मुंबई शाखा में एक सफाई कर्मचारी के रूप में शुरुआत की और एसबीआई के साथ 39 साल के करियर के बाद एसबीआई के सहायक महाप्रबंधक पद से दो साल बाद वो रिटायर हो जाएंगी। प्रतीक्षा ने बताया कि वो रिटायर होने के बाद प्राकृतिक चिकित्सा में करियर तलाश कर रही हैं।

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English summary
Pratiksha Tondwalkar: Used to sweep and mop in the bank, today she is Assistant General Manager in SBI
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