पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले 'PK' का बड़ा फैसला, कई सियासी दलों के 'सपने टूटे'
नई दिल्ली, 03 सितंबर। अगले साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं और तमाम राजनीतिक दल आगामी चुनावों की अभी से तैयारी में जुट गए हैं। लेकिन चुनाव से पहले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ऐसा फैसला लिया है जिससे उनके राजनीति में आने के कयास पर विराम लग गया है। प्रशांत किशोर ने फैसला लिया है कि वह अपने अध्ययन अवकाश को आगे बढ़ा रहे हैं और अगले वर्ष मार्च माह तक किसी भी तरह की राजनीतिक गतिविधि में हिस्सा नहीं लेंगे।
चुनाव से किया किनारा
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक प्रशांत किशोर के करीबियों की मानें तो उन्होंने ब्रेक लेने का फैसला लिया है और अगले साल मार्च माह तक कोई नया कार्यभार नहीं संभालेंगे। अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर कई राजनीतिक दल प्रशांत किशोर को साधने में लगे थे। लेकिन जिस तरह से पीके ने चुनाव से किनारा किया है उसके बाद साफ है कि अगले साल यूपी के चुनाव से भी प्रशांत किशोर दूर रहेंगे।
बंगाल चुनाव के बाद कही थी ये बात
जिस तह से पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने जबरदस्त जीत दर्ज की थी और भाजपा को तमाम कोशिशों के बाद भी हार का मुंह देखना पड़ा था उसके बाद प्रशांत किशोर ने चुनावी रणनीतिकार के काम को अलविदा कह दिया था। उन्होंने कहा था कि मैं थोड़ा लंबे समय के लिए इस काम को अब छोड़ना चाहता हूं और दूसरे अवसर की तलाश में हूं। पश्चिम बंगाल ने मुझे यह मौका दिया है।
2024 के सेमीफाइनल से रहेंगे दूर
दिलचस्प बात यह है कि एक तरफ जब कयास लगाए जा रहे थे कि खुद प्रशांत किशोर राजनीति में आ सकते हैं, ऐसे में अगले साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को 2024 के पहले के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा था। लेकिन पीके ने खुद को अगले साल तक के लिए चुनाव से दूर करके हर किसी को चौंका दिया है। यूपी में भाजपा और सपा के लिए चुनौती काफी बड़ी है। एक तरफ जहां भाजपा लंबे समय के बाद सत्ता में वापस आने के बाद दोबारा फिर से जीत दर्ज करने की कोशिश करेगी तो सपा प्रदेश में वापसी की कोशिश करेगी। जबकि कांग्रेस प्रदेश में अपना चेहरा बचाने की कोशिश करेगी।