पूर्व प्रेसीडेंट प्रणब मुखर्जी ने रामदेव से मिलने को बताया अपनी भूल, बोले- आज भी है गलती का अहसास
नई दिल्ली। 2011 में यूपीए-2 के वक्त देश का वित्त मंत्री रहते हुए रामदेव से मुलाकात को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी भूल कहा है। शनिवार को इंडियन एक्सप्रेस के एक कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी ने 2011 में रामदेव से हवाईअड्डे पर जाकर मिलने को अपनी गलती बताया। कालाधन और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर दिल्ली में धरना देने आ रहे रामदेव से बातचीत के जरिए मामला सुलझा लेने के लिए प्रणब मुखर्जी हवाई अड्डे पर रामदेव से मिलने पहुंचे थे, हालांकि ये मुलाकात कामयाब नहीं हो पाई थी।
मुझे रामदेव से नहीं मिलना चाहिए था: मुखर्जी
जून 2011 में रामदेव भूख-हड़ताल करने के लिए दिल्ली आए थे। इससे सरकार को मुश्किल ना हो इसके लिए प्रणब मुखर्जी और कपिल सिब्बल दिल्ली हवाईअड्डे पर रामदेव से मिले थे और उनसे भूख हड़ताल ना करने को कहा था। इंडियन एक्सप्रेस के कार्यक्रम में एक श्रोता के सवाल पर प्रणब मुखर्जी ने इसे अपना गलत फैसला बताते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था।
मामले को सुलझाना चाहते थे
प्रणब मुखर्जी ने बताया कि अन्ना हजारे के आंदोलन की वजह से यूपीए सरकार परेशानी में थी इसलिए वो चाहते थे कि रामदेव दिल्ली में कोई भूख-हड़ताल ना करें, इसलिए वो उनसे बातचीत को पहुंचे थे। प्रणब मुखर्जी ने बताया कि उन्हें पार्टी के ही नेता ने सलाह दी थी कि रामदेव से बात करके मसले को पहले ही सुलझाया जा सकता है। ऐसे में वो रामदेव के बातचीत करने पहुंचे थे।
'अपनी कमजोर हिन्दी की वजह से ले गया सिब्बल को साथ'
प्रणब मुखर्जी ने बताया कि इस मुलाकात में उनके साथ कपिल सिब्बल (उस समय केंद्रीय मंत्री) भी थे। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि मेरी हिन्दी अच्छी नहीं है, ऐसे में मै कपिल सिब्बल को लेकर गया ताकि वो हमारे बीच दुभाषिये के तौर पर काम कर सके। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि मैंने तब भी कहा था और आज भी ये कहने में मुझे कोई झिझक नहीं कि ऐसा करके हमने गलती की थी।
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