Pranab Mukherjee: कांग्रेसी होते हुए भी भाजपा के इन दो नेताओं से बेहद प्रभावित थे प्रणब दा
Pranab Mukherjee: कांग्रेसी होते हुए भी भाजपा के इन दो नेताओं से प्रभावित थे प्रणब दा
नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्त डॉ. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का आज सोमवार को निधन हो गया। प्रणब मुखर्जी के निधन महज एक शख्श की दुनिया से रुखसती भर नहीं बल्कि भारतीय राजनीति की मर्यादित और शालीन परंपरा के युग का अवसान है। प्रणब मुखर्जी भारतीय राजनीति में बेदाग नेता रहे। वो 2012 में राष्ट्रपति बने और 2017 तक उन्हें राष्ट्रपति के तौर पर कई बड़े निर्णय लिए। प्रणब भले ही कांग्रेसी थे भारतीय जनता पार्टी के दो कद्दावर नेताओं से बहुत प्रभावित थे। इसका जिक्र प्रणब मुखर्जी ने कई कार्यक्रमों में स्वयं किया था।
इन दो भाजपा नेताओं से बहुत प्रभावित थे प्रणब मुखर्जी
भाजपा के दो पसंदीदा नेता जिनसे प्रणब दा बहुत प्रभावित थे उनमें पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे। प्रणव दा अटल बिहारी बाजपेयी कोसबसे असरदार और नरेन्द्र मोदी को सबसे तेजी से सीखने वाला पीएम मानते थे।2017 में जब राष्ट्रपति पद पर प्रणब मुखर्जी का आखिरी दिन था, तो मोदी ने उनके नाम चिट्ठी में लिखा था- राष्ट्रपति जी, आपके प्रधानमंत्री के रूप में आपके साथ काम करना सम्मान की बात रही। इस चिट्ठी में मोदी ने जिक्र किया था कि प्रणब दा हमेशा मोदी से यह पूछते थे कि वे अपनी सेहत का ध्यान रख रहे हैं या नहीं? इस चिट्ठी को प्रणब ने ट्वीट किया था और कहा था कि इसे पढ़कर मैं भावुक हो गया।
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पीएम मोदी ने कहा था प्रणब दा ने ही उंगली पकड़कर सिखाया
इतना ही नहीं पीएम मोदी भी प्रणब मुखर्जी के बहुत बड़े प्रशंसक है। जुलाई 2016 में राष्ट्रपति भवन म्यूजियम के सेकंड फेज के इनॉगरेशन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के लिए कहा था कि जब मैं दिल्ली आया था, तब प्रणब दा ने ही उंगली पकड़कर सिखाया। पीएम मोदी ने कहा था सबसे अहम बात ये है कि उनका पॉलिटिकल बैकग्राउंड अलग है और मेरा अलग, लेकिन उनके साथ मैंने सीखा कि कैसे अलग-अलग राजनीतिक विचारधारा होने के बावजूद लोकतंत्र में एक-दूसरे से कंधे से कंधा मिलाकर काम किया जा सकता है।
प्रणब मुखर्जी अटल बिहारी के बहुत बड़े प्रशंसक थे
प्रणब मुखर्जी ने मार्च 2017 में ने एक कार्यक्रम में अटल बिहारी बाजपेयी से जुड़ा किस्सा सुनाया। कि एक बार पीएम अटल बिहारी मेरी तरफ आए और तब मैं डर गया और बोला अटलजी आपने मेरे पास आने की क्यों तकलीफ की? आप किसी को मुझे बुलाने के लिए भेज देते तब अटल जी ने कहा काई बात नहीं हम दोस्त हैं। इसके बाद अटल जी ने मुझसे गुजारिश करते हुए कहा कि जॉर्ज फर्नांडीज काफी मेहनती और काबिल मंत्री हैं। उनके लिए ज्यादा तल्ख न हों। उस समय जॉर्ज तत्कालीन रक्षा मंत्री थे।प्रणब ने अपनी किताब में भी लिखा था कि अटल राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को व्यक्तिगत तौर पर नहीं लेते थे। उन्होंने लिखा है कि मैंने चीन के बारे में दिए गए एक वक्तव्य को लेकर जॉर्ज फर्नांडिस की तीखी आलोचना की थी। प्रणव मुखर्जी ने बताया कि तब मैंने अटलजी से कहा कि मैं इस बात की तारीफ करता हूं। मैं इस बात के लिए आपको सेल्यूट करता हूं कि आप अपने सहकर्मियों की कितनी परवाह करते हैं। उन्होंने कहा था कि ये वाकया ये बताता है कि पीएम अटल बिहारी किस तरह काम करते थे।''
प्रणब ने मोदी की प्रसंशा में बोली थी ये बात
प्रणब मुखर्जी ने एक बार कहा था मोदी के काम करने का अपना तरीका है। हमें इसके लिए उन्हें क्रेडिट देना चाहिए कि उन्होंने किस तरह से चीजों को जल्दी सीखा है। चरण सिंह से लेकर चंद्रशेखर तक प्रधानमंत्रियों सभी के पास पार्लियामेंट का अच्छ-खासा अनुभव था, लेकिन मोदी तो सीधे राज्य एडमिनिस्ट्रशन से आए और केंद्र सरकार के प्रमुख बने। इसके बाद चंद ही दिनों में दूसरे देशों से रिश्तों और एक्सटर्नल इकोनॉमी में महारत हासिल कर लेते हैं। प्रणब ने कहा था कि कम ही समय में वह जी 20 जैसे बड़े मसलों से निपटते हैं। किसी भी पीएम को इसके लिए इनडेप्थ नॉलेज हासिल करनी होती है। मोदी ने वो बहुत कम समय में कर दिखाया। प्रणब मुखर्जी ने कहा था कि अच्छी तरह ऑब्जर्व करते हैं। पीएम मोदी की जो बात प्रणब दा को बहुत पसंद थी कि, जब मोदी ने कहा था चुनाव जीतने के लिए आपको बहुमत चाहिए होता है, लेकिन सरकार चलाने के सभी का मत चाहिए होता है। प्रणब मुखर्जी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताते हुए एक तस्वीर ट्वीट की है जिसमें वह उनका पैर छूकर आशीर्वाद लेते दिख रहे हैं।
पीएम मोदी प्रणव मुखर्जी की तारीफ करते हुए कहा था वो मेरे पिता के जैसे हैं
पीएम मोदी और प्रणब मुखर्जी के रिश्तों में अपार प्रेम था। पीएम मोदी ने 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति मुखर्जी की तारीफ करते हुए एक बार रो दिए थे और उन्हें अपने लिए एक पिता तुल्य बताया था। 2017 में मुखर्जी का राष्ट्रपति के तौर पर कार्यकाल खत्म होने से कुछ दिनों पहले 'प्रेजिडेंट प्रणब मुखर्जी : अ स्टेट्समैन ऐट द राष्ट्रपति भवन' किताब के विमोचन कार्यक्रम में पीएम मोदी प्रणब दा की तारीफ करते हुए भावुक हो गए थे। तब पीएम मोदी ने कहा कि प्रणब मुखर्जी उनका ऐसे ख्याल रखते हैं जैसे कोई पिता अपनी संतान का रखता है। वो मुझे कहते थे कि आधे दिन आराम किया करो अपनी सेहत का ख्याल रखा करो।