भारतीय मुसलमानों के बचाव में उतरे प्रणब दा
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारत के मुसलमानों का आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि मुमकिन है कि लाखों में एक या दो आतंकियों का भारत से संबंध हो लेकिन इन्हें बाहर से भेजा जाता है। उन्होंने कहा कि भारत की जमीन पर किसी भी तरह के आतंकी के लिए कोई जगह नहीं है। जब कभी भी ऐसे तत्व सामने आते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाती है।
प्रणब मुखर्जी इस समय फिनलैंड के दौरे पर हैं और उन्होंने यह बयान नार्वे में एक साक्षात्कार के दौरान कही। राष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद किसी भी धर्म का सम्मान नहीं करता न ही किसी विश्वास या आस्था को मानता है। यह सिर्फ मनुष्य का विनाश चाहता है। उन्होंने कहा कि अच्छा या बुरा आतंकवाद नाम का कोई अस्तित्व नहीं है, मेरे हिसाब से इस तरह की परिभाषा का कोई मतलब नहीं है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत भाग्यशाली है कि यहां 150 मिलियन मुसलमान रहते हैं। जो कि इंडोनेशिया के बाद दुनिया में मुसलमानों की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है। हाल ही में भारत-पाक सीमा पर विवाद को लेकर बोलते हुए प्रणब दा ने कहा कि हम अपने मित्रों का तो चयन कर सकते हैं लेकिन पड़ोसियों का नहीं। उन्होंने कहा कि भारत-पाक विवाद को हल करने के लिए 1972 का शिमला समझौता और 1999 का लाहौर घोषणापत्र के रूप में दो विकल्प मौजूद हैं। इन विकल्पों के माध्यम से बड़ी समस्याओं को सुलझाया जा सकता है।