गणतंत्र दिवस: पहली बार वायु सेना के कमांडो को मिलेगा मरणोपरांत अशोक चक्र
नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना के गरुड़ कमांडो ज्योति प्रसाद निराला को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया जाएगा। अशोक चक्र शांति के समय भारत सरकार की तरफ से दिया जाने वाला सबसे ऊंचा वीरता का पदक है। यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता, शूरता या बलिदान के लिए दिया जाता है। शहीद ज्योति निराला ने बीते साल नवंबर में जम्मू कश्मीर में एक एनकाउंटर में तीन आंतकियों को अकेले ही ढेर कर दिया था।
जब मशीनगन लेकर दुश्मनों पर टूट पड़े ज्योति निराला
यह एनकाउंटर जम्मू कश्मीर के हाजिन इलाके में हुआ था। सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी कि हाजिन इलाके में लश्कर-ए-तैयबा के मुखिया जकीउर रहमान लखवी का भतीजा समेत कई आतंकी छिपे हुए हैं। सूचना मिलते ही सेना ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया कि तभी आतंकियों ने सेना के ऊपर गोली चलानी शुरू कर दी। इस एनकाउंटर के दौरान कमांडो ज्योति निराला ने अपने मशीनगन से आतंकियों के ऊपर टूट पड़े और 3 को ढेर मार गिराया। इस एनकाउंटर में सेना ने कुल 6 आतंकियों को मार गिराया। हालांकि एनकाउंटर के दौरान कमांडो ज्योति निराला को भी गोलियां लगी और वे शहीद हो गए।
सिर्फ 31 साल में हुए शहीद
बिहार के रोहतास जिले के रहने कमाडों ज्योति निराला की शहीद होने के समय सिर्फ 31 साल की उम्र थी। ज्योति निराला को उनके अदम्य वीरता और साहस के लिए गणतंत्र दिवस के मौके पर अशोक चक्र से सम्मानित किया जाएगा।
अशोक चक्र पाने वाले वायुसेना के पहले कमांडो
बता दें कि ज्योति निराला वायुसेना के पहले गरुड़ कमांडो हैं जिन्हें वीरता के इस सर्वोच्च सम्मान, अशोक चक्र से सम्मानित किया जा रहा है। ज्योति निराला साल 2005 में वायु सेना में शामिल हुए थे। ज्योति निराला के घर पर उनके बूढ़े मा-बाप के अलावा उनकी 3 अविवाहित बहनें हैं।