शिवाजी से मोदी की तुलना पर मचा बवाल, बीजेपी नेता ने वापस ली किताब
नई दिल्ली। बीजेपी नेता जयभगवान गोयल की किताब 'आज के शिवाजी नरेंद्र मोदी' को लेकर महाराष्ट्र में सियासी घमासान शुरू हो गया है। इस मामले पर पार्टी बैकफुट पर जाती नजर आ रही है। किताब को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद अब केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने छत्रपति शिवाजी महाराज एक महान योद्धा थे जिनकी किसी के साथ तुलना नहीं की जा सकती। बीजेपी का जय भगवान गोयल की लिखी किताब से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि हम नहीं जानते हैं कि उन्होंने क्या लिखा है।
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केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि, जय भगवान गोयल ने महाराष्ट्र और दुनिया के लोगों से माफी भी मांगी है। उन्होंने किताब वापस ले ली है। मुझे लगता है कि हमें विवाद को खत्म कर देना चाहिए। उन्होंने निजी हैसियत से यह किताब लिखी है. उन्होंने भावनाएं आहत करने के लिए महाराष्ट्र और बाहर के लोगों से खेद भी प्रकट किया है। महाराष्ट्र में भाजपा के प्रतिद्वंद्वियों ने इस किताब के खिलाफ पार्टी पर निशाना साधा और मराठा योद्धा के अपमान का आरोप लगाया है।
Union Minister Prakash Javadekar: Jai Bhagwan Goyal has also apologised to the people of Maharashtra and world. He has withdrawn the book. I think we should put the controversy to rest. https://t.co/kUj9tHtyHp
— ANI (@ANI) January 13, 2020
बता दें कि, इस किताब में पीएम मोदी की तुलना शिवा जी से की गई है। शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेताओं ने इसके लिए बीजेपी को आड़े हाथों लिया है। दिलचस्प बात यह है कि शिवाजी के वंश से ताल्लुक रखने वाले और सतारा से बीजेपी विधायक शिवेंद्र राजे भोसले ने पार्टी से किताब को सर्कुलेशन से हटाने की अपील की है। भोसले ने कहा, 'छत्रपति शिवाजी महाराज की तुलना पीएम नरेंद्र मोदी से करने वाली पुस्तक पर बहुत विवाद है। चाहे वह शिवाजी हो या संभाजी या और कोई महान नेता. उनकी तुलना किसी से भी नहीं की जा सकती।
उधर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'बीजेपी नेता ने 'आज के शिवाजी: नरेंद्र मोदी' किताब लिखी है, जो हमें अपमानजनक प्रतीत होती है। पार्टी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिवाजी महाराज की तरह महान मानती है। उन्होंने कहा, हम प्रधानमंत्री मोदी का सम्मान करते हैं, लेकिन किसी की तुलना शिवाजी महाराज से करना स्वीकार्य नहीं है। एनसीपी के राज्य के मंत्रियों छगन भुजबल और जितेंद्र अव्हाड और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे ने इस किताब को लेकर निराशा व्यक्त की।
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