Pradyuman Murder Case: दोस्त ने कहा- वो मेरे साथ है, मेरे साथ चल रहा है, मुझे उसकी मौजूदगी का एहसास
प्रद्युम्न के दोस्त ने कहा- वो मेरे साथ है और मेरे साथ चल रहा है
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गुरुग्राम। रायन इंटरनेशनल स्कूल की कक्षा 2 में पढ़ने वाले प्रद्युम्न की हत्या के दिन उसकी क्लास के जो स्टूडेंट उसके साथ थे, उनके दिमाग अब भी स्कूल के प्रति दिमाग में डर भरा हुआ है। प्रद्युम्न की यादें उन्हें हमेशा सताती हैं। वो स्कूल नहीं जाना चाहते हैं। इतना ही नहीं जिस दोस्त की बर्थ डे पार्टी में जाने के लिए प्रद्युम्न खुश था, वो उस वॉटर कूलर को याद कर के भी सिहर जाता है, जहां उसके दोस्त के खून से लथपथ शरीर पड़ा हुआ था।
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सी दिन से डरा हुआ है बच्चा
जिस दोस्त की बर्थडे पार्टी में जाना चाहता था उसके पिता ने बताया कि बच्चा उसी दिन से डरा हुआ है। इतना ही नहीं उसने वो सारा घटना क्रम देखा था। खून से लथपथ प्रद्युम्न का शरीर और आस पास पुलिस की भारी भरकम फौज भी उसने देखी थी। उसके पिता ने बताया कि वो उसी दिन से सो नहीं पाता। उन्होंने कहा कि वो जल्द ही किसी काउंसलर के पास जाएंगे ताकि वो इस समस्या से बाहर आ सके।
मेरा जन्मदिन था और...
प्रद्युम्न के दोस्त ने बताया कि मेरा जन्मदिन था और मुझे उसके लिए ज्यादा चॉकलेट मिली थी। उसने ( प्रद्युम्न) मुझसे कहा था कि चॉकलेट मेरे लिए अलग रखें। मैं उससे मिल नहीं सका जब मैं स्कूल में गया, तो उसे मार दिया गया था। मैंने बहुत रोया। जब हमें बताया गया कि वह अब नहीं है। मैं अपने जन्मदिन को नहीं सका क्योंकि दिन में मेरे सबसे अच्छे दोस्त को खो दिया था।
बहुत खुश होता था प्रद्युम्न
घटना के 10 दिन बाद जब विद्यालय सोमवार (18 सितंबर) को खोला गया, पीड़ित के 34 छात्रों में से सिर्फ 4 ही आए थे।। वे कमरे में घुसने से डर रहे थे। उनकी क्लास को पहली मंजिल पर शिफ्ट किया गया। बच्चे ने कहा कि हम दोनों एक साथ बैठते थे। हम एक ही बेंच पर टिफिन करते थे। उसे मिठाई का बहुत शौक था और जब भी कक्षा में जन्मदिन मनाया जाता था, वो बहुत खुश होता था।
मैं उसकी मौजूदगी का एहसास कर पा रहा हूं
जिस दिन से उसकी हत्या कर दी गई है, उसके बाद मैं सो नहीं पा रहा हूं और क्ला में बैठने की मेरी हिम्मतन नहीं हो रहीहै। मुझे लगता है कि वह मेरे साथ है और मेरे साथ चल रहा है, मैं उसकी मौजूदगी का एहसास कर पा रहा हूं। मैं डरा हुआ हूं।
बिल्डिंग में जाने से डरता हूं...
उसके पिता ने कहा कि दोनों लड़के बहुत करीबी थे। यह बच्चा अक्सर अपनी मां से प्रद्युम्न की पसंदीदा मिठाई पकाने के लिए कहा करता था। वह उसी स्कूल में पढ़ाई जारी रखना नहीं चाहता है। पीड़ित के दूसरे सहपाठी आदित्य राज सिंह चौहान ने कहा 'मैं एक ही स्कूल में पढ़ाई जारी रखना नहीं चाहता, क्योंकि वह मेरा सबसे अच्छा दोस्त था और जहां तक मैं जाऊंगा वहां वो मेरे पीछे होगा। मैंने उसके बैग को और पानी की बोतल क्लास में देखी थी। मैं बिल्डिंग में जाने से डरता हूं।
मुझे भी इस स्कूल में नहीं भेजना
आदित्य के पिता अमर सिंह चौहान ने कहा कि मेरा बेटा अकेले अपने कमरे में सोया करता था, लेकिन उस दिन से वह हमारे साथ सोता है और घर में शौचालय जाने के लिए बहुत डर रहा है। मैं इस स्थिति में अपने बेटे को नहीं छोड़ सकता। सचमुच मुझे भी इस स्कूल में नहीं भेजना है।
मेरी बेटी चाहती है कि
मां स्वाती सिंह ने कहा मेरी बेटी मुझे स्कूल और कक्षा में ले जाना चाहती है। छात्रों को स्कूल में भाग लेने के लिए साहस खोजने की आवश्यकता होगी। कक्षा 2 के अधिकांश छात्र क्रूर हत्या से हिल गए हैं, लेकिन हम असहाय हैं और हमें बच्चों को स्कूल भेजना है क्योंकि हम लंबे समय तक कक्षाएं नहीं छोड़ सकते हैं।