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Power Crisis:भारत तीन गुना महंगी गैस आयात करने को मजबूर, क्या बिजली के दाम भी बढ़ेंगे ?

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नई दिल्ली, 5 मई: भारत में ऊर्जा संकट किस कदर है, इसका अंदाजा इसी से लगता है कि किफायती बिजली उत्पादन करने की नीति पर चलने वाला देश करीब तीन गुना महंगी एलएनजी खरीदने को मजबूर हुआ है। इसकी वजह ये है कि बिजली उत्पादन करने वाले प्लांट का ईंधन संकट कम किया जा सके, जहां दावे के मुताबिक कोयला आवश्यकता से कम उपलब्ध हो पा रहा है। इस समय देश में बिजली संकट के पीछे पावर प्लांट में कोयले की कमी और गर्मी की वजह से ऊर्जा की अत्यधिक मांग को बताया जा रहा है। लेकिन, सवाल है कि जो कंपनियां इतनी महंगी गैस खरीदकर बिजली बनाएंगी, क्या वह इसकी मोटी कीमत नहीं वसूलेंगी ?

भारतीय कंपनियों ने तीन गुना महंगी गैस खरीदी-रिपोर्ट

भारतीय कंपनियों ने तीन गुना महंगी गैस खरीदी-रिपोर्ट

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक बेतहाशा गर्मी और बिजली कटौती के चलते भारत बहुत ही ऊंची कीमत पर द्रवीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) आयात करने को मजबूर हुआ है। इस मामले की जानकारी रखने वाले कारोबारियों ने बताया है कि पावर प्लांट में बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए पिछले हफ्ते टॉरेंट पावर लिमिटेड और गेल इंडिया लिमिटेड ने एलएनजी विदेशों से खरीदी है, जिसकी इसी महीने डिलिवरी होगी। रूस-यूक्रेन संकट की वजह से इस समय वैश्विक तौर पर गैस की आपूर्ति वैसी ही बिगड़ी हुई है, लिहाजा इन कंपनियों को सामान्य दर से करीब तीन गुना ज्यादा भुगतान करना पड़ा है।

कोयले की कमी के चलते वैकल्पिक ईंधन की तलाश

कोयले की कमी के चलते वैकल्पिक ईंधन की तलाश

भारत के लिए बिजली उत्पादन में उसकी लागत बहुत मायने रखती है। इसलिए किफायती बिजली तैयार करना, इसकी रणनीति रही है। लिहाजा संकट बड़ा है, इसलिए इतनी महंगी कीमत पर एलएनजी खरीदने का फैसला हुआ है, क्योंकि सामान्य तौर पर भारत इतनी ऊंची कीमत पर ईंधन नहीं खरीदता। रिपोर्ट के मुताबिक इससे अंदाजा लगता है कि देश में घरेलू कोयले की कितनी बड़ी किल्लत है कि उसे दाम को नजरअंदाज करके वैकल्पिक ईंधनों की ओर देखना पड़ रहा है, जो कि अंतरराष्ट्रीय मांग में उछाल से और ज्यादा दबाव में है।

2020 में बिजली उत्पादन में सिर्फ 4% था गैस का योगदान-रिपोर्ट

2020 में बिजली उत्पादन में सिर्फ 4% था गैस का योगदान-रिपोर्ट

वैसे भारत में बिजली उत्पादन में प्राकृतिक गैस का हिस्सा बहुत ही कम है, लेकिन गर्मी बढ़ने और कोयला संकट की वजह से अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ गया है। ब्लूमबर्गएनईएफ के मुताबिक 2020 में भारत में बिजली उत्पादन में गैस का सिर्फ 4% इस्तेमाल हुआ था। जबकि, 71% योगदान कोयले से हुआ था। कारोबारियों ने कहा है कि गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (जीएआईएल) मई के अंत तक कम से कम एक और शिपमेंट मंगवाना चाहता है। जबकि, कई और भारतीय कंपनियां इस तरह के कार्गो के लिए संपर्क में हैं।

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पाकिस्तान में भी महंगी गैस की खरीद

पाकिस्तान में भी महंगी गैस की खरीद

भारत ही नहीं, हीट वेव के चलते पड़ोसी पाकिस्तान भी महंगे ईंधन खरीदने को मजबूर हुआ है। क्योंकि, वह ईद की छुट्टियों में किसी तरह की बिजली कटौती का संकट मोल नहीं लेना चाहता। कैश की किल्लत झेल रहे पाकिस्तान ने सऊदी अरब से हाल ही में मिले अतिरिक्त कर्ज के भरोसे जून के लिए दो अतिरिक्त कार्गो मंगवाने के लिए टेंडर जारी किया है। एक्यूवेदर के मौसम विज्ञानी जैसन निकोलस ने कहा है, 'दक्षिण एशिया में साल के इस समय में भारत और पाकिस्तान में मानसून से पहले अत्यधिक गर्मी वाला मौसम रहता है। ' 'इन क्षेत्रों में जून और जुलाई में मानसूनी बारिश आने तक हीट वेव जारी रहने की संभावना है।'

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English summary
Due to power and coal crisis in India, LNG import at three times higher price, heat further worsened the situation
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