मोदीमय मेडिसन को देख मेडिसिन ले रहे कई नेता
नई दिल्ली (विवेक शुक्ल)। अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में स्थित मेडिसन स्क्वायर में नरेंद्र मोदी का भाषण महज अमेरिका में या दुनिया के अलग-अलग देशों में रहने वाले अप्रवासी भारतीयों के लिये उद्भोदन मात्र नहीं था, बल्कि महाराष्ट्र और हरियाणा के लिये यह ई-रैली था। और इस मेडिसन को देखने के बाद देश के तमाम दलों के नेताओं को मेडिसिन लेनी पड़ रही है।
सबसे पहले आप सोच रहे होंगे कि यह ई-रैली क्या है? अरे भाई आज के जमाने में इंटरनेट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से जो कुछ भी हो वो 'ई' है, लिहाजा दो राज्य जहां पर जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां के लिये मोदी को देखने व सुनने के लिये मेडिसन आये हजारों लोगों का जमावड़ा एक रैली ही था, जिसका सीधा प्रसारण इन दोनों राज्यों समेत पूरी दुनिया में हुआ। जाहिर है महाराष्ट्र और हरियाणा के लोगों की सोच पर फर्क डालने का काम भी इस भाषण ने किया है, जोकि हर नेता का मकसद होता है, जब वो रैली करता है।
इसमें कोई शक नहीं है कि अमेरिकी दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हरियाणा और महाराष्ट्र में जलवा बिखेरेंगे। इन दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव में भाजपा की विजय मोदी पर बहुत हदतक निर्भर करती है। और मेडिसन स्कावयर पर मोदी ने जो समां बांधा है, उसका असर भारतीयों के दिलो-दिमाग पर साफ-साफ देखा जा रहा है।
मेडिसिन ले रहे विरोधी दलों के नेता
मोदीमय मेडिसन को देखने के बाद दोनों राज्यों के भाजपा विरोधी दलों के नेताओं का बीपी हाई हो गया है, जिसकी वजह से निश्चित तौर पर उन्हें मेडिसिन यानी दवाईयां लेनी पड़ रही होंगी।
कांग्रेस के नेता राशिद अल्वी यह कहकर खीझ मिटा रहे हैं कि वहां मोदी ने नया कुछ नहीं कहा। ये तो वे भारत में कई बार कह चुके हैं। वरिष्ठ पत्रकार ओमकार चौधरी ने ठीक ही टिप्पणी की कि अब अल्वी साहब से पूछा जाना चाहिए कि क्या इससे पहले किसी प्रधानमंत्री ने न्यूयार्क या अमेरिका के किसी दूसरे शहर में हजारों अप्रवासी भारतीयों और अमेरिकी मीडिया के सामने ऐसी जनसभा की।
क्या कहते हैं जानकार
जानकार मानते हैं कि मोदी ने उस अमेरिका को भी आईना दिखाया है, जिसने 2005 में उनका वीजा रद्द करके न केवल उन्हें अपमानित किया था, बल्कि भारत के एक चुने हुए मुख्यमंत्री को भी नकारने का दुस्साहस किया था।
मोदी ने मेडिसन स्कवायर में बड़ा काम किया है। साफ है, इसके असर दूर-दूर तक देखने को मिलेंगे। और फौरी तौर पर कहें तो भाजपा को हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव में मोदी के इसी मैजिक का आसरा है। अब तो यह देखना बाकी हैं कि उनका जादू उक्त राज्यों में मतदाताओं पर क्या असर दिखाता है?