निकाह-हलाला गैर इस्लामिक ही नहीं, बल्कि एक संगठित बलात्कार- अंबर जैदी
नई दिल्ली: पीएम मोदी को जहां मुस्लिम समाज के एक वर्ग द्वारा खासा पसंद नहीं किया जाता है तो दूसरी तरफ, तीन तलाक और निकाह हलाला के पीड़ितों को उनसे काफी उम्मीदें भी हैं। अधिकांश निकाह हलाला पीड़ितों का यही कहना है और वो डॉक्यूमेंट्री मेकर अंबर जैदी से अपील कर रही हैं कि उनकी बात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाया जाए। अंबर जैदी निकाह हलाला पीड़ितों पर पिछले 2-3 सालों से एक डॉक्यूमेंट्री बना रही हैं।
'निकाह हलाला एक गैर-इस्लामिक प्रैक्टिस'
अंबर जैदी ने वन इंडिया को बताया, 'अधिकांश मामलों में केस स्टडी पूरी हो गई है और जल्दी ही इसे यूट्यूब, फिल्म फेस्टिवल और अन्य साधनों द्वारा मुस्लिम महिलाओं तक पहुंचाने का काम किया जाएगा। देश के अगल-अलग राज्यों राजस्थान, एमपी, यूपी, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के करीब 200 निकाह हलाला पीड़िताओं से मैंने बात भी की है। अंबर जैदी का कहना है, 'निकाह हलाला एक गैर-इस्लामिक प्रैक्टिस ही नहीं, बल्कि ये संगठित बलात्कार है और यह ना तो कुरान में सही माना गया है, न ही इस्लाम द्वारा और न ही संविधान द्वारा।' इस्लामिक स्कॉलर अफरोज आलम कासमी ने बताया कि इस्लाम में इसकी इजाजत नहीं है, बल्कि यह पाप है। इसको लेकर कोई संदेह नहीं है। ये तुरंत ही रोका जाना चाहिए चाहे इसके लिए सरकार के दखल की जरूरत ही पड़े। ये इस्लाम के कानून की अवहेलना है।
निकाह हलाला की पीड़िताओं को बीजेपी का समर्थन
अंबर जैदी ने कहा कि उनका मकसद मुस्लिम महिलाओं को इस्लाम के तहत दिए गए अधिकारों और संवैधानिक अधिकारों से अवगत कराना है। निकाह हलाला का मामला कोर्ट में है और बीजेपी सरकार ने पीड़िताओं का पक्ष लिया है, बीजेपी इस मामले को लेकर मुस्लिम महिलाओं के बीच अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रही है और बीजेपी को इस मामले पर समर्थन भी मिला है। बीजेपी निकाह हलाला को चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी कर चुकी है और बीजेपी काफी सकारात्मक परिणाम की उम्मीद कर रही है।
'डॉक्यूमेंट्री के जरिए मुस्लिम महिलाओं को शिक्षित करने की कोशिश'
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मो. अफजल कहते हैं, 'मुझे मालूम है कि अगर डॉक्यूमेंट्री अशिक्षित मुस्लिम महिलाओं को प्रभावित करने में कामयाब रही कि किस प्रकार काजियों ने उनके साथ धोखा किया है, तो इसका लाभ चुनाव में बड़े पैमाने पर उठाया जा सकता है। एक बीजेपी नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि ये टर्निंग पॉइंट हो सकता है क्योंकि ये उन पीड़ित महिलाओं के लिए एक सहारा होगा निकाह हलाला का दंश झेल रही हैं।अंबर जैदी पर बीजेपी-आरएसएस के इशारे पर काम करने का आरोप लगता रहा है लेकिन वो कहती हैं, 'वो कोई नेता नहीं हैं, लेकिन निश्चित रूप से किसी ऐसे कार्यक्रम में भाग लेने में परहेज नहीं है जो महिलाओं के कल्याण से जुड़ा है, भले ही इसे आरएसएस द्वारा शुरू किया गया हो। वो पूरे मामले पर एक फिल्म बनाना चाहती हैं लेकिन फिलहाल ये संभव नहीं हो सका है।