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मोदी सरकार के 8 साल में जानिए कैसी रही देश की विदेश नीति, कैसे मजबूत हुए संबंध

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नई दिल्ली, 26 मई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल के 8 साल पूरे कर चुके हैं। इस दौरान पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने कई ऐसी नीतियां बनाई और बड़े कदम उठाए जिसने देश की दशा और दिशा को बदलने का काम किया। भारतीय जनता पार्टी दावा करती है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में कई देशों के साथ भारत के संबंध काफी मजबूत हुए हैं और शायद ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर कोई ऐसा बड़ा देश है जो भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों की आलोचना करता है।

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कई दिग्गज नेताओं के साथ बेहतर किए संबंध

कई दिग्गज नेताओं के साथ बेहतर किए संबंध

पीएम मोदी ने अपने अलग व्यक्तित्व के जरिए कई देशों के नेताओं के खास बने और उनके साथ निजी संबंधों को मजबूत किया। दुनिया के दिग्गज नेताओं डोनाल्ड ट्रंप, बराक ओबामा, जो बाइडेन, व्लादिमीर पुतिन के साथ भी पीएम मोदी के रिश्ते काफी खास हैं। विशेषज्ञ भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य है कि वह अधिक से अधिक मित्र देश बनाएं, जिसने अच्छे परिणाम दिए हैं। ऐसे में पीएम मोदी का पिछले 8 साल की अंतरराष्ट्रीय नीति क्या रही और किस तरह से देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है, उसपर एक नजर डालते हैं।

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घरेलू लिहाज से देश की विदेश नीति

घरेलू लिहाज से देश की विदेश नीति

प्रधानमंत्री मोदी लगातार अलग-अलग देशों की यात्रा करते रहे हैं, उन्होंने इन देशों की यात्रा के दौरान देश के हित को आगे रखा, देश की जो अहम जरूरते हैं उन्हें प्रमुखता से अंतरराष्ट्रीय मंच पर रखा। उन्होंने लुक ईस्ट की नीति को एक्ट ईस्ट एशिया में बदला और इसके साथ ही इसमे एक्ट फार ईस्ट एंड एक्ट वेस्ट एशिया की नीति को जोड़ा, जिससे कि भारत की जरूरतों को पूरा किया जा सके। यही नहीं पीएम मोदी मिडल ईस्ट के देशों के साथ भी अपने संबंथ बेहतर किए, इसमे से कुछ देशों को मित्र देश भी बनाने में सफल हुए। जिस तरह से पीएम लगातार एफडीआई को बढ़ावा दे रहे हैं, मेड इन इंडिया को आगे बढ़ा रहे हैं, आत्मनिर्भर भारत पर जोर दे रहे हैं, उसकी वैश्विक स्तर पर तारीफ हो रही है।

 पाकिस्तान और चीन के साथ संबंध

पाकिस्तान और चीन के साथ संबंध

पीएम मोदी के कार्यकाल में पाकिस्तान और चीन दो ऐसे देश हैं जिसकी चर्चा सबसे अधिक रहीहै। जिस तरह से मोदी सरकार ने दोनों देशों के साथ विदेश नीति को आगे बढ़ाया है उससे साफ है कि अब भारत पहले की नीति पर कतई आगे नहीं बढ़ना चाहता है। भारत ने पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया, मोदी सरकार ने पाकिस्तान के परमाणु हथियार को खतरा बताया। 2018 में पीएम मोदी ने जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की तो दोनों देशों के बीच के संबंध में इसे मील का पत्थर माना जा रहा था। हालांकि सीमा विवाद के चलते चीन के साथ भारत के संबंध पिछले कुछ सालों से तनावपूर्ण बने हुए हैं।

यूक्रेन के मुद्दे पर भारत की नीति

यूक्रेन के मुद्दे पर भारत की नीति

जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की शुरुआत हुई तो इस युद्ध के दौरान भारत के रुख की काफी चर्चा हुई। एक तरफ जहां तमाम पश्चिमी देश रुस पर एक के बाद एक प्रतिबंध लगा रहे थे और खुलकर रूस की आलोचना कर रहे थे तो दूसरी तरफ भारत ने अपने हितों का ध्यान रखते हुए रूस के खिलाफ खुलकर बयान देने से परहेज किया और दोनों पक्षों से बातचीत के जरिए समाधान की वकालत की। हाल ही में पीएम मोदी ने पश्चिमी देशों का अहम दौरा किया। पीएम मोदी ने फ्रांस, डेनमार्क, जर्मनी का दौरा किया और इस पूरे मुद्दे पर देश की नीति को बेहतर तरह से आगे रखा, जिसने इन देशों के साथ भारत की स्थिति को और बेहतर करने का काम किया। भारत के लिए चीन हमेशा से एक चुनौती रहा है, ऐसे में भारत रूस के साथ तेल का आयात करके अपने हितों को सर्वोपरि रखने के साथ चीन की चुनौती पर भी पलटवार कर रहा है।

English summary
PM Narendra Modi's 8 year here is how India's foreign policy gets stronger.
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