इंडिया गेट पर लगी नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा, पीएम मोदी ने किया अनावरण
नई दिल्ली, 23 जनवरी: पूरा देश आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मना रहा है। रविवार को देश के अलग-अलग राज्यों में नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। इसी के साथ स्थापना समारोह में वर्ष 2019, 2020, 2021 और 2022 के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार भी प्रदान किए।
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इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 125वीं जयंती पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा लगाने का निर्णय मोदी जी ने लिया है। ये प्रतिमा देश की आने वाली पीढ़ियों को पराक्रम, देशभक्ति और बलिदान की प्रेरणा देगी। ये प्रतिमा देश के करोड़ों लोगों के मन के भाव की अभिव्यक्ति होगी।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi unveiled hologram statue of Netaji Subhas Chandra Bose at India Gate on his 125th birth anniversary #ParakramDiwas pic.twitter.com/vGQMSzLgfc
— ANI (@ANI) January 23, 2022
जल्द होलोग्राम के स्थान पर ग्रेनाइट की विशाल प्रतिमा लगेगी
वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत मां के वीर सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जन्म जयंती पर मैं पूरे देश की तरफ से कोटि-कोटि नमन करता हूं। ये दिन ऐतिहासिक है, ये कालखंड भी ऐतिहासिक है और ये स्थान जहां हम सब एकीकृत हैं ये भी ऐतिहासिक है। जिन्होंने भारत की धरती पर पहली आजाद सरकार को स्थापित किया था, हमारे उन नेताजी की भव्य प्रतिमा आज डिजिटल स्वरूप में इंडिया गेट के समीप स्थापित हो रही है। जल्द ही इस होलोग्राम प्रतिमा के स्थान पर ग्रेनाइट की विशाल प्रतिमा भी लगेगी।
'एक विपदा ने आपदा प्रबंधन के मायने बदल दिए'
वहीं अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि 2001 में गुजरात में भूकंप आने के बाद जो कुछ हुआ, उसने आपदा प्रबंधन के मायने बदल दिए। हमने तमाम विभागों और मंत्रालयों को राहत और बचाव के काम में झोंक दिया। उस समय के जो अनुभव थे, उनसे सीखते हुए ही 2003 में गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम बनाया गया। हमने रिलीफ, रेस्क्यू और रिहैबिलिटेशन पर जोर देने के साथ ही रिफॉर्म पर भी बल दिया है। हमने NDRF को मजबूत किया, उसका आधुनिकीकरण किया, देश भर में उसका विस्तार किया। स्पेस टेक्नोलॉजी से लेकर प्लानिंग और मैनेजमेंट तक, बेस्ट पॉसिबल प्रैक्टिस को अपनाया गया।
'सौंवे साल से पहले नए भारत के निर्माण का लक्ष्य'
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि नेताजी कहते थे "कभी भी स्वतंत्र भारत के सपने का विश्वास मत खोना, दुनिया की कोई ताकत नहीं है जो भारत को झकझोर सके।" आज हमारे सामने आजाद भारत के सपनों को पूरा करने का लक्ष्य है। हमारे सामने आजादी के सौंवे साल से पहले नए भारत के निर्माण का लक्ष्य है। आजादी के अमृत महोत्सव का संकल्प है कि भारत अपनी पहचान और प्रेरणाओं को पुनर्जीवित करेगा। ये दुर्भाग्य रहा कि आजादी के बाद देश की संस्कृति और संस्कारों के साथ ही अनेक महान व्यक्तित्वों के योगदान को मिटाने का काम किया गया।
बोस जयंती पर 'दीदी' ने की अवकाश की मांग तो बोली बीजेपी- 'नेताजी ने कब छुट्टी ली थी?'
इससे पहले पीएम मोदी ने रविवार सुबह संसद भवन में सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। वहीं हाल ही में केंद्र सरकार ने ऐलान किया था कि गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत अब 24 जनवरी से ना होकर एक दिन पहले यानी 23 नेताजी की जयंती से होगी। इस फैसले का उद्देश्य नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल करना था।