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मन की बात: पीएम मोदी ने बताया कैसे खेती में इनोवेशन से खुल रहे हैं मानवता के लिए नए द्वार

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नई दिल्ली, 25 जुलाई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो पर अपने मासिक कार्यक्राम 'मन की बात' के 79वें एपिसोड में खेती के क्षेत्र में युवाओं की ओर से इनोवेशन के जरिए हो रहे बदलावों की ओर ध्यान दिलाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा है कि जब भी हम कुछ नया सीखते हैं, हमारे लिए खुद नए-नए रास्ते खुलने लग जाते हैं। उन्होंने कहा है "जब भी कहीं लीक से हटकर कुछ नया करने का प्रयास हुआ है, मानवता के लिए नए द्वार खुले हैं, एक नए युग का आरंभ हुआ है।" इसे उन्होंने कई उदाहरण सामने रखकर समझाने की कोशिश की है।

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मणिपुर में हो रही है सेब की खेती- पीएम मोदी

मणिपुर में हो रही है सेब की खेती- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा है कि पहले सेब की खेती के लिए जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों का ही जिक्र होता था। लेकिन, इन दिनों मणिपुर में भी किसान अपने बगीचों में सेब की खेती करने लगे हैं। इसके लिए यहां के लोगों ने बाकायदा हिमाचल जाकर जरूरी ट्रेनिंग भी ली है। पीएम मोदी ने इसके लिए एक एयरोनॉटिकल इंजीनियर का हवाला दिया है। उन्होंने कहा है, "कुछ नया करने के जज्बे से भरे युवाओं ने मणिपुर में ये कारनामा कर दिखाया है। आजकल मणिपुर के उखरुल जिले में, सेब की खेती जोर पकड़ रही है। यहां के किसान अपने बागानों में सेब उगा रहे हैं। सेब उगाने के लिए इन लोगों ने बाकायदा हिमाचल जाकर ट्रेनिंग भी ली है। इन्हीं में से एक हैं टी एस रिंगफामी योंग। ये पेशे से एक एयरोनॉटिकल इंजीनियर हैं।" इसी तरह दिल्ली में जॉब करने वाली अवुन्गशी का भी उन्होंने नाम लिया है, जो नौकरी छोड़कर गांव लौटीं और मणिपुर में सेब की खेती शुरू की।

कोविड काल में बढ़ गई बेर की खेती- पीएम मोदी

कोविड काल में बढ़ गई बेर की खेती- पीएम मोदी

'मन की बात' में पीएम मोदी ने कोरोना महामारी की वजह से आदिवासियों में बेर की खेती के प्रति रुझान बढ़ने की भी बात कही है। प्रधानमंत्री ने कहा है, "हमारे आदिवासी समुदाय में, बेर बहुत लोकप्रिय रहा है। आदिवासी समुदायों के लोग हमेशा से बेर की खेती करते रहे हैं। लेकिन, कोविड-19 महामारी के बाद इसकी खेती विशेष रूप से बढ़ती जा रही है। त्रिपुरा के उनाकोटी के ऐसे ही 32 साल के मेरे युवा साथी हैं बिक्रमजीत चकमा। उन्होंने बेर की खेती की शुरुआत कर काफी मुनाफा भी कमाया है और अब वो लोगों को बेर की खेती करने के लिए प्रेरित भी कर रहे है।" प्रधानमंत्री के मुताबिक बेर की खेती की ओर किसानों का रुझान देखकर राज्य सरकार ने भी मदद का हाथ बढ़ाया है।

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खेती के बाय प्रोडक्ट के साथ क्रिएटिविटी से बदला महिलाओं का जीवन

खेती के बाय प्रोडक्ट के साथ क्रिएटिविटी से बदला महिलाओं का जीवन

प्रधानमंत्री ने खेती के क्षेत्र में हो रहे इनोवेशन के बाद उसके बाय प्रोडक्ट के साथ होने वाली क्रिएटिविटी का भी जिक्र किया है। इसी कार्यक्रम में पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में महिलाओं की ओर से केले के तने से फाइबर बनाने की ट्रेनिंग देने की बात बताई है, जिसकी पहल कोरोना काल में भी शुरू हुई है। प्रधानमंत्री बोले कि, "वेस्ट में से बेस्ट करने का मार्ग। केले के तने को काटकर मशीन की मदद से बनाना फाइबर तैयार किया जाता है, जो जूट या सन की तरह होता है। इस फाइबर से हैंडबैग, चटाई, दरी, कितनी ही चीजें बनाई जाती हैं। इससे एक तो फसल के कचरे का इस्तेमाल शुरू हो गया, वहीं दूसरी तरफ गांव में रहने वाली हमारी बहनों-बेटियों को आय का एक और साधन मिल गया।" प्रधानमंत्री ने कहा है कि इस काम को शुरू करने से एक महिला रोजाना 400 से 600 रुपये कमाने लगी हैं। (अंतिम तस्वीर-सांकेतिक)

English summary
In Mann Ki Baat, PM Modi mentioned about the innovation happening in the field of agriculture, apple in Manipur, Ber cultivation by tribals and making fiber by women from banana stems in UP
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