पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से की बात, कोरोना समेत कई मुद्दों पर चर्चा
नई दिल्ली, अप्रैल 28: भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर इतने ज्यादा लोगों को प्रभावित करेगी, ये किसी को अंदाजा नहीं था। मौजूदा वक्त में रोजाना 3.5 लाख के करीब मामले सामने आ रहे हैं, जिससे अस्पतालों में संकट बढ़ ही गया है। साथ ही श्मशान घाट के बाहर लाशों की कतार देखकर दुनिया भी हैरान है। हालांकि इस मुश्किल वक्त में कई बड़े देश भारत की मदद कर रहे हैं। इसी क्रम में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आज मेरे दोस्त रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बात हुई। इस दौरान हमने कोरोना की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। साथ ही महामारी से लड़ाई में रूस के योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। पीएम के मुताबिक दोनों ने विविध द्विपक्षीय सहयोग की भी समीक्षा की, जिसमें स्पेस, एनर्जी सेक्टर, हाईड्रोजन इकोनॉमी शामिल है। वहीं रूसी वैक्सीन Sputnik-V भारत आने के बाद इस मुश्किल वक्त में हमारी मदद करेगा।
इस बीच अच्छी खबर है कि आज रात रूसी चिकित्सा सहायता के दो विमान दिल्ली पहुंचने वाले हैं। आज रूसी आपात मंत्रालय की उड़ानें आज 22 टन माल लेकर भारत आने वाली हैं। इसमें 20 ऑक्सीजन प्रोडक्शन यूनिट, 75 वेंटिलेटर, 150 मेडिकल मॉनिटर और 200,000 पैक दवा शामिल हैं। वहीं रूसी वैक्सीन स्पूतनिक भी 1 महीने से टीकाकरण अभियान में शामिल होगा। सूत्र बताते हैं कि आज भारत और रूस के दोनों राष्ट्र प्रमुखों के साथ गर्मजोशी से बातचीत हुई है। साथ ही दोनों देशों के बीच नए क्षेत्रों और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए सहमति बनी है।
पीएम ने बताया कि दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी को मजबूत करते हुए राष्ट्रपति पुतिन और उनके बीच 2+2 मंत्री स्तरीय वार्ता विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच होने पर सहमति बनी है।
अपने तो अपने होते हैं: संकट में अमेरिका बना स्वार्थी तो दोस्त रूस ने भारत की मदद के लिए खोला दिल
वैक्सीन
के
अलावा
ये
मदद
रूस
ने
भारत
को
अपनी
वैक्सीन
Sputnik-V
देने
की
इजाजत
दे
दी
है।
इसके
तहत
1
मई
को
पहली
खेप
पहुंचने
की
उम्मीद
है।
इसे
दुनिया
की
पहली
कोरोना
वैक्सीन
कहा
जाता
है,
क्योंकि
सबसे
पहले
स्थायी
तौर
पर
यही
रजिस्टर
हुई
थी।
इसके
अलावा
ये
टेस्टिंग
में
91.6
प्रतिशत
असरदार
पाई
गई।
वहीं
भारत
में
ऑक्सीजन
की
बहुत
ज्यादा
किल्लत
है,
ऐसे
में
रूस
से
ऑक्सीजन
कंसेंट्रेटर्स
और
टैंक
की
आपूर्ति
हो
सकती
है।