भारत के खिलाफ 'हमले' और प्रोपगैंडा, Made in India हथियारों की इज्जत करनी होगी : PM मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने आज भारतीय नौसेना का विजन डॉक्यूमेंट सार्वजनिक किया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने SPRINT का अनावरण भी (PM Modi unveils SPRINT) किया।
नई
दिल्ली,
18
जुलाई
:
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
एक
बार
फिर
'आत्मनिर्भरता'
का
आह्वान
किया
है।
उन्होंने
कहा
कि
रक्षा
क्षेत्र
में
आत्मनिर्भर
भारत
काफी
अहम
है।
पीएम
मोदी
ने
कहा,
डिफेंस
सेक्टर
में
'आत्मनिर्भर
भारत'
21वीं
सदी
के
भारत
के
लिए
बहुत
महत्वपूर्ण
है...
इस
दिशा
में
अगले
साल
15
अगस्त
तक
नौसेना
के
लिए
75
स्वदेशी
तकनीक
तैयार
करना
पहला
कदम
है।
उन्होंने
भारत
की
आजादी
के
100
साल
पूरे
होने
पर
क्या
लक्ष्य
होना
चाहिए
?
इस
दिशा
में
भी
संकेत
किया।
पीएम
मोदी
ने
कहा,
लक्ष्य
यह
होना
चाहिए
कि
जब
हम
स्वतंत्रता
के
100वीं
वर्षगांठ
मनाएंगे,
तब
तक
भारत
की
रक्षा
क्षमता
को
अभूतपूर्व
ऊंचाइयों
पर
ले
जाएं।
उन्होंने
कहा
कि
स्वदेशी
यानी
Made
in
India
हथियारों
की
इज्जत
करने
पर
ही
दुनिया
भी
भारतीय
हथियारों
का
सम्मान
करेगी।
उन्होंने
SPRINT
के
अनावरण
के
मौके
पर
ये
बात
कही।
स्वदेशी तकनीक के विकास पर जोर
प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्रालय की ओर से आयोजित नौसेना नवाचार और स्वदेशीकरण संगठन संगोष्ठी 'स्वावलंबन' (Naval Innovation and Indigenisation Organisation Seminar 'Swavlamban') को संबोधित किया। उन्होंने कहा, आत्मनिर्भर नौसेना के लिए पहले स्वावलंबन सेमिनार का आयोजन होना अपने आप में एक अहम कदम है। उन्होंने कहा कि 75 स्वदेशी तकनीकों (indigenous technologies) के विकास के बाद हमें इनकी संख्या को लगातार बढ़ाने के लिए काम करना है। पीएम मोदी ने नौसेना का विजन डॉक्यूमेंट भी जारी किया।
आजादी के समय भारत में 18 ordnance factories
बकौल पीएम मोदी, आज जब हम डिफेंस में आत्मनिर्भर भविष्य की चर्चा कर रहे हैं, तब ये भी आवश्यक है कि बीते दशकों में जो हुआ, उससे हम सबक भी लेते रहे, इससे हमें भविष्य का रास्ता बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, भारत का डिफेंस सेक्टर (defence sector) आजादी से पहले भी काफी मजबूत हुआ करता था। आजादी के समय देश में 18 आयुध फैक्ट्री (ordnance factories) थीं। इनमें आर्टिलरी गन (artillery guns) समेत कई तरह के सैनिक साजो-सामान बना करते थे। उन्होंने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध में भारत उपकरणों का अहम सप्लायर था।
कभी पॉपुलर थीं भारत में बनी मशीनगन
प्रधानमंत्री ने कहा, भारत की होवित्जर तोपों, इशापुर राइफल फैक्ट्री में बनी मशीनगनों को श्रेष्ठ माना जाता था। हम बहुत बड़ी संख्या में एक्सपोर्ट किया करते थे। उन्होंने बदलती परिस्थियों और हालात की तरफ संकेत कर सवाल किया ? ऐसा क्या हुआ कि भारत डिफेंस के क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा आयातक (India Defence Import) बन गया ?
Defence सेक्टर में स्टार्टअप्स का रोल अहम
पीएम मोदी ने कहा, बीते दशकों की अप्रोच से सीखते हुए आज हम सबका प्रयास की ताकत से नए डिफेंस इकोसिस्टम (defence ecosystem) का विकास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में रिसर्च-डेवलपमेंट के लिए अब प्राइवेट सेक्टर भी काम कर रहा है। शैक्षणिक जगत के लोग (academia), सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSMEs) और स्टार्टअप्स भी शोध और तकनीकी विकास से जुड़ रहे हैं।
डिफेंस रिसर्च और इनोवेशन पर जोर
अपने कार्यकाल में किए गए बदलाव का जिक्र कर प्रधानमंत्री ने कहा, भारत की पब्लिक सेक्टर डिफेंस कंपनियों को हमने अलग-अलग सेक्टर में संगठित कर उन्हें नई ताकत दी है। उन्होंने कहा, आज हम ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि IIT जैसी शीर्ष संस्थाओं को भी डिफेंस रिसर्च और इनोवेशन से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, बीते 8 वर्षों में सरकार ने सिर्फ रक्षा बजट ही नहीं बढ़ाया, बल्कि बजटीय आवंटन से देश में ही डिफेंस मैनुफैक्चरिंग इकोसिस्टम (defence manufacturing ecosystem) विकसित करने में मदद मिले, इसका भी प्रयास किया जा रहा है।
भारत का डिफेंस आयात घटा
रक्षा उपकरणों की खरीद के लिए तय बजट का बड़ा हिस्सा आज भारतीय कंपनियों से खरीदने में लगाया जा रहा है। बीते 4-5 वर्षों में भारत का डिफेंस आयात (India Defence Import) लगभग 21 % घटा है। आज भारत सबसे बड़े डिफेंस इम्पोर्टर की बजाय एक बड़ा एक्सपोर्टर बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, पिछले 8 वर्षों में भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट (India defence export) 7 गुणा बढ़ा है।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे
पीएम मोदी ने कहा, अभी कुछ समय पहले हर देशवासी गर्व से भर उठा जब उसे पता चला कि पिछले साल भारत ने 13 हजार करोड़ रुपये का डिफेंस एक्सपोर्ट किया। खास बात ये कि इसमें भी 70% हिस्सेदारी भारत के प्राइवेट सेक्टर की रही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे भी व्यापक हो गए हैं। पहले सिर्फ जमीन, समुद्र और वायु सीमा तक ही अपने डिफेंस की कल्पना होती थी, लेकिन अब दायरा अंतरिक्ष की तरफ बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, स्पेस के अलावा सुरक्षा का दायरा अब साइबर स्पेस (cyberspace) आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र की तरफ भी बढ़ रहा है।
ग्लोबल स्टेज पर भारत, हमलों को नाकाम करना चुनौती
बकौल प्रधानमंत्री मोदी, जैसे-जैसे भारत ग्लोबल स्टेज पर खुद को स्थापित कर रहा है, वैसे-वैसे गलत सूचनाएं (Misinformation) दुष्प्रचार (disinformation) के माध्यम से लगातार हमले हो रहे हैं। उन्होंने कहा, भारत के हितों को हानि पहुंचाने वाली ताकतें चाहे देश में हों या फिर विदेश में, उनकी हर कोशिश को नाकाम करना है।
Defence Sector में आत्मनिर्भर भारत
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, भारत ने कई क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता हासिल की है। इसके कारण दुनिया में भारत की एक नई छवि उभरी है। 'आत्मनिर्भर अभियान' के तहत, नौसेना ने पिछले वित्तीय वर्ष में घरेलू खरीद के लिए अपने पूंजीगत बजट का 64% से अधिक खर्च किया। यह इस वर्ष 70% तक बढ़ जाएगा।
SPRINT का अनावरण
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'SPRINT' का अनावरण किया। SPRINT(सपोर्टिंग पोल-वॉल्टिंग इन रिसर्च एंड डेवलपमेंट थ्रू आईडेक्स, एनआईआईओ और टीडीएसी) को कहा गया है। यह एनआईआईओ और डीआईओ की संयुक्त परियोजना है।
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