पूर्वी लद्दाख में पिछले साल के मुकाबले चीन की मिलिट्री ने बढ़ाई काफी ताकत, भारतीय सेना क्या कर रही है? जानिए
नई दिल्ली, 28 नवंबर: पूर्वी लद्दाख के उसपार चीन अपने मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत ज्यादा निवेश कर रहा है और इस सेक्टर में पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी की सैन्य गतिविधियों के इजाफे को लेकर भारत ने चीन से अपनी चिंता जाहिर की है। दोनों देशों के बीच हाल में हुई बातचीत के दौरान भारत ने अपनी चिंताओं से चीन को आगाह कर दिया है। स्थिति ये है कि पिछले साल की तुलना में चीन ने हर तरह से एलएसी के उसपार इस बार खुद को ज्यादा तैयार कर लिया है। लेकिन, भारत भी पीछे नहीं है और उसकी हर चलबाजी का उसी की भाषा में माकूल जवाब देने के लिए कमर कस चुका है।
एलएसी के उस पार खुफिया इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहा है चीन
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के नजदीक चीन जिस तरह से नए हाइवे का निर्माण कर रहा है, संपर्क सड़कें बनवा रहा है और नए ठिकानों के विस्तार के साथ ही अपनी तरफ मिसाइल रेजिमेंट के अलावा भारी मात्रा में हथियारों की तैनाती कर रहा है, इसकी वजह से भारत की चिंता बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार इसलिए महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि चीन अपने मुख्य काशगर, गार गुनसा और होतान बेस के अलावा हाइवे का चौड़ीकरण और नए एयरस्ट्रिप का निर्माण करवा रहा है। सूत्रों का कहना है कि चीन एक महत्वपूर्ण चौड़े हाइवे को भी विकसित करने में जुटा हुआ है, जिससे चीन की सेना का भीतरी इलाकों से एलएसी तक उसके पोजिशन तक कनेक्टिविटी का विस्तार हो जाएगा। सबसे बड़ी बात ये है कि चीन अपने एयर फोर्स और सेना के लिए ऐसे खुफिया इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा कर रहा है, जो अमेरिकी और दूसरे सैटेलाइट को भी चकमा देने में सक्षम हैं।
पिछले साल के मुकाबले ड्रैगन ने लद्दाख में जुटाई ज्यादा ताकत
इसके साथ ही चीन तिब्बितयों को भी अपनी सेना में भर्ती कर रहा है, जो कि ऊंचे तिब्बती पठारों पर उसके अपने हान सैनिकों की मदद कर सकें। क्योंकि, तिब्बत के कठिन भू-भाग में जाड़े के मौसम में चीन की अपनी सेना के लिए जिंदा बचे रहना बहुत ही चुनौतीपूर्ण हो जाता है। सूत्रों का यहां तक कहना है कि पिछले साल के मुकाबले चीन ने उस इलाके में इस बार काफी बेहतर तैयारी कर रखी है। उसके पास सैनिकों के लिए अच्छे शेल्टर हैं, रोड कनेक्टिविटी अच्छी हो चुकी है और वे पिछली बार के मुकाबले इस क्षेत्र से ज्यादा अभ्यस्त भी हो चुके हैं। जबकि, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में उसने रॉकेट और मिसाइल रेजिमेंट को तैयार करके रखा हुआ है। इनके अलावा ड्रैगन ने एलएसी इलाके की निगरानी के लिए बड़ी संख्या में ड्रोन की तैनाती भी कर ली है। सूत्र ने बताया है कि चीन ने इस इलाके में अपनी क्षमता बढ़ाने पर बहुत ही ज्यादा जोर दिया है।
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चीन के खिलाफ भारत की कैसी है तैयारी ?
जहां तक भारत की तैयारी की बात है तो सूत्रों का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले हम भी बहुत ज्यादा तैयार हैं। इस क्षेत्र में किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए जो भी जरूरत है, सब कुछ तैनात किया गया है। भारतीय सीमा के पास अक्साई चिन इलाके में पिछले साल चीन की सेना ने जो आक्रामक चाल चली थी, उसके बाद से ही एलएसी के कई जगहों पर दोनों देशों के बीच टकराव की नौबत आ गई थी और करीब 50,000 सैनिकों को वहां पर तैनात किया गया था। तब भारत ने ड्रैगन की हरकतों का माकूल जवाब दिया था। भारत ने पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर तैनात अपने जवानों को सर्द मरुस्थल के इलाके में डायवर्ट भी किया था। भारत ने उस इलाके में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है और भारतीय वायुसेना भी बड़े एयरलिफ्ट एक्सरसाइज किए हैं। (तस्वीरें- फाइल)