पूर्वी लद्दाख से लौट रही है चीनी सेना, टैंकों व सैनिकों की वापसी की तस्वीरें आई सामने
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पैंगॉन्ग लेक इलाके में चीन के साथ समझौते के बाद दोनों देशों की सेनाओं की वापसी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने कई बंकर, अस्थायी चौकियां और अन्य ढांचों को उत्तरी किनारे वाले इलाकों से हटा लिया है। इसके साथ ही उन्होंने अपने वाहनों को भी हटा दिया है। बता दें कि, पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर फिंगर 4 क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था।
डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया में लगभग एक सप्ताह का समय लगेगा। टकराव वाली जगहों से चीन और भारत की सेना द्वारा किए गए सारे निर्माण की चीजों को भी हटा रहा है। जिसमें अस्थायी चौकियां, हेलिपैड, बंकर भी शामिल हैं।
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चीनी सेना ने फिंगर-4 और फिंगर-8 के बीच के क्षेत्रों में बंकरों समेत कई विभिन्न निर्माण कार्य किया है। जिसके बाद फिंगर 4 भारतीय सेना की पहुंच से बाहर हो गया था। डिसइंगेजमेंट की प्रकिया पूरी होने के 48 घंटे बाद एक बार फिर कॉर्प्स कमांडर लेवल की बैठक होगी।
चीनी सेना क्षेत्र में अपने सैनिकों की संख्या धीरे-धीरे कम कर रही है। चीन ने फिंगर 4 और फिंगर 5 के बीच 80 मीटर का साइनेज भी हटा लिया है। इसके लिए फिजिकल वेरिफिकेशन के साथ ही ड्रोन और सैटेलाइट तस्वीरों की मदद ली जा रही है।
नौ दौर की सैन्य वार्ता में भारत ने विशेष रूप से जोर दिया कि चीन की सेना पैंगांग झील के उत्तरी किनारे पर 'फिंगर चार' और 'फिंगर आठ' के बीच से हटे। वापसी की प्रक्रिया 10 फरवरी को शुरू हुई थी।
बता दें कि बीते हफ्ते रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बताया था कि चीन और भारत पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील को लेकर चल रहे विवाद पर सहमत हो गए हैं और पैंगोंग झील के चीन के उत्तर और दक्षिण में डिस्एंगेजमेंट पर समझौता हो गया है। भारत-चीन ने मिलकर तय किया है कि अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति को वापस लागू किया जाएगा।
डिसएंगेजमेंट प्लान के मुताबिक चीन फिंगर 8 तक जाएगा और भारत धन सिंह थापा पोस्ट के पास फिंगर 3 पर जाएगा इसके साथ ही पैंगोंग लेक के दक्षिणी किनारे से तैनाती भी वापस ले ली जाएगी। दोनों देशों में सेनाओं को बॉर्डर से पीछे लेने पर सहमति बनने के बाद भारत और चीन की सेनाओं में लद्दाख बॉर्डर पर करीब दस महीने से चल रहा तनाव कम होता दिख रहा है।
बता दें कि दोनों देशों की सेनाएं करीब दस महीने से एक दूसरे के आमने-सामने थीं। जून, 2020 में गलवान वैली में एक झड़प भी दोनों सेनाओं में हुई थी। जिसमें 20 भारतीय सैनिकों की जान चली गई थी। जिसके बाद लगातार दोनों देशों के सैन्य अफसरों के बीच बातचीत का दौर चल रहा था।
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