फूलपुर और गोरखपुर के लोकसभा चुनाव: किसके सिर सजेगा जीत का ताज?
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीटों पर उप चुनाव होने हैं। पहली सीट है गोरखपुर जो आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद खाली हुई वहीं दूसरी सीट फूलपुर की है जो केशव प्रसाद मौर्या के उप-मुख्यमंत्री बनने से खाली हुई। इन दोनों सीटों के लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं। कहा यह भी जा रहा है कि अगर समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस एक साथ लड़े तो भारतीय जनता पार्टी के लिए राह मुश्किल हो सकती है। हालांकि दूसरा पक्ष यह भी है कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में तीनों दलों का वोट मिला लें तो गोरखपुर में आदित्यनाथ और फूलपुर में केशव के वोट से बहुत पीछे है। इसके साथ ही बीते साल मार्च 2017 में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और सपा के गठबंधन और बसपा को मिले वोट का कुल भाजपा से आग रहा है। फिर भी मौजूदा राजनीतिक हालात को देखें तो विधानसभा चुनाव की तर्ज पर इन संसदीय सीटों के उपचुनाव में गठबंधन को वोट मिलना मुश्किल दिख रहा है।
फूलपुर सीट पर अब हालात बदल चुके हैं
इन सबके पीछे बड़ा कारण यह है कि केंद्र और प्रदेश में भाजपा सत्ता में है। इसके साथ ही सपा और बसपा बीते विधानसभा चुनाव में मात खाने के बाद अब तक मजबूती से खड़े नहीं हो सके हैं। सीटें सीएम और डिप्टी सीएम से जुड़ी हैं, ऐसे में भाजपा भी कोई रिस्क नहीं उठाना चाहेगी। गोरखपुर की सीट पर योगी खुद 5 बार सांसद थे। वही उनसे पहले सांसद अवैद्यनाथ रहते थे। फूलपुर सीट पर लंबे समय से भाजपा के लिए फायदे की साबित नहीं होती थी लेकिन वहां भी हालात काफी बदल चुके हैं।
मुलायम सिंह यादव की बहु को मिल सकता है टिकट
इलाहाबाद के फूलपुर से कांग्रेस ने मनीष मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है। मौजूदा समय में मनीष मिश्रा उत्तर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। लंबे समय से इन्होंने युवक कांग्रेस के लिए भी काम किया है और अब पार्टी ने इन पर भरोसा जताते हुए फूलपुर लोकसभा के उपचुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं दावा किया जा रहा कि भाजपा की ओर से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की बहु अपर्णा यादव को टिकट दिया जा सकता है। गोरखपुर से सुरहिता चटर्जी कांग्रेस की प्रत्याशी हैं।
2014 में गोरखपुर में भाजपा के सर सजा था ताज
समीकरणों की बात करें तो गोरखपुर संसदीय क्षेत्र के लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा को 5,39,127 वोट मिले थे। वहीं विपक्ष को 4,48,475 वोट मिले थे। इसमें सपा को 2,26,344, बसपा को 1,76,412, कांग्रेस को 45,719 वोट मिले थे। दूसरी ओर विधानसभा चुनाव 2017 में संसदीय सीट गोरखपुर की सभी पांचों सीटें (गोरखपुर ग्रामीण, गोरखपुर शहर, कैंपियरगंज, पिपराइच, सहजनवां) में भाजपा को 4,52,495 विपक्ष को 5,25,126 जिसमें सपा और कांग्रेस को 3,26,315 और बसपा को 1,98,811 वोट मिले थे।
फूलपुर सीट पर BJP को मिले थे 5 लाख से ज्यादा वोट
इसके साथ ही फूलपुर संसदीय क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा को 5,03,564 वोट मिले थे वहीं विपक्ष को 4,17,093 वोट मिले थे। इसमें सपा को 1,95,256 बसपा को 1,63,710 और कांग्रेस को 58,127 वोट मिले थे। विधानसभा चुनाव 2017 में संसदीय सीट फूलपुर की सभी पांचों सीटें (फाफामऊ, सोरांव, फूलपुर, इलाहाबाद (उत्तरी), इलाहाबाद (पश्चिमी) में भाजपा को 4,28,974 वोट मिले थे। विपक्ष को यहां 5,23,616 वोट, सपा और कांग्रेस को 2,98,980 वोट बसपा को 2,24,636 वोट मिले थे।