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Menstrual cycle: 'नहीं आज नहीं कर सकते क्योंकि मुझे....'. जानिए Periods से जुड़े ये 5 Myths

By अंकुर शर्मा
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नई दिल्ली, 09 सितंबर। ' तुम्हें पीरियड्स आए हैं इसलिए पूजा का सामान टच ना करना', 'जब मासिक आया हो तो रसोई में पैर मत रखना', 'अचार मत खाओ तुम क्योंकि मासिक आया है', 'कहा था ना नया सामान मत छूना क्योंकि तुम्हें पीरियड्स हुए हैं' ....इन सारे वाक्यों से हर लड़की और महिला कभी ना कभी रूबरू हो चुकी है। भले ही आज हम जितनी भी प्रगति की बात कर लें लेकिन 'मासिक धर्म' एक ऐसा टॉपिक है, जिसको लेकर लोगों की सोच में बदलाव बहुत ही धीमी गति से हो रहा है।

महीने के वो पांच दिन कितने कष्टकारी...

महीने के वो पांच दिन कितने कष्टकारी...

हालांकि कि 'मासिक धर्म' एक Biological Processes है, महिलाओं के शरीर की अहम प्रकिया है। महीने के वो पांच दिन कितने कष्टकारी होते हैं ये केवल एक महिला ही जानती हैं लेकिन ताज्जुब ये है कि ऊपर के वो सारे वाक्य अक्सर एक महिला ही दूसरी महिला से कहती है।

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भारत में लड़के-लड़कियां जल्दी बड़े जाते हैं

भारत में लड़के-लड़कियां जल्दी बड़े जाते हैं

हमारे देश भारत में लड़के-लड़कियां जल्दी बड़े जाते हैं। लड़कियों में 'मासिक धर्म' की प्रक्रिया 12 साल से शुरु होती है लेकिन बदलते परिवेश, पर्यावरण और खान-पान के चलते आजकल लड़कियों में ये पहले भी शुरू हो जाता है।

क्या होता है 'मासिक धर्म'

आपको बता दें कि किशोरावस्था की ओर बढ़ती लड़कियों के शरीर में इंटरनली और बाहरी बहुत सारे परिवर्तन होते हैं। बॉडी में जब हार्मोनल चेंज होता है तो गर्भाशय के अंदरूनी हिस्सों से रक्तस्त्राव होता है, जो कि 'मासिक धर्म' कहलाता है।

आज भी इसे लेकर बहुत सारे Myths

आज भी इसे लेकर बहुत सारे Myths

लेकिन आज भी इसे लेकर महिलाओं के अंदर शर्म होती है, झिझक होती है, वो खुलकर बातें नहीं करती हैं और तो और आज भी इसे लेकर बहुत सारे Myths भी हैं, जिनसे लोग उबर नहीं पाए हैं।

आइए बताते हैं ऐसे ही कुछ मिथक....

मिथक 1: माहवारी में लड़कियों को खाना नहीं बनाना चाहिए क्योंकि वो अशुद्ध हैं?

मिथक 1: माहवारी में लड़कियों को खाना नहीं बनाना चाहिए क्योंकि वो अशुद्ध हैं?

सच: : किसी भी अवस्था में स्त्री "अशुद्ध" नहीं होती। पीरियड्स एक जैविक प्रक्रिया है जिसका एक महिला के स्वास्थ्य पर कई महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, जो कि एक लड़की के शारीरिक विकास के लिए काफी जरूरी है।

मिथक 2: दही, इमली, अचार का सेवन पीरियड फ्लो को प्रभावित करता है?

मिथक 2: दही, इमली, अचार का सेवन पीरियड फ्लो को प्रभावित करता है?

सच्चाई: खाने-पीने से आपके पीरियड्स पर कोई असर नहीं पड़ता है। दही, इमली, अचार ये बस आपके खाने को चटपटा बनाते हैं।

मिथक 3 : पीरियड्स के दौरान व्यायाम नहीं करना चाहिए?

सच्चाई: कभी-कभी, महिलाओं को तेज दर्द या थकान या दोनों का अनुभव होता है और इसलिए वे शारीरिक गतिविधियों से बचते हैं। जबकि इसमें कोई नुकसान नहीं है, इसका मतलब यह नहीं है कि आपको पीरियड्स के दौरान व्यायाम या उछल-कूद या साइकिल नहीं चलाना चाहिए।

मिथक 4 : सैनिटरी नैपकिन शर्म की बात है?

मिथक 4 : सैनिटरी नैपकिन शर्म की बात है?

सच्चाई: सैनिटरी नैपकिन या पैड्स को हमेशा स्वच्छ रखना चाहिए क्योंकि ये हेल्थ के लिए जरूरी है, ये शर्म की बात नहीं है।

मिथक 5 : पीरियड्स में रिलेशन नहीं बना सकते?

सच्चाई: ऐसा कुछ नहीं है। कपल्स पीरियड्स होने पर रिलेशन बना सकते हैं। पीरियड्स नॉर्मल हैं और रिलेशन भी, हालाँकि, पीरियड्स के दौरान शारीरिक संबंंध बनाते वक्त स्वच्छता कारकों का पालन करना पड़ता है। इसके बारे में आप खुले तौर पर स्त्री रोग विशेषज्ञ से बात भी कर सकती हैं।

 पीरियड्स एक नार्मल प्रक्रिया है...

पीरियड्स एक नार्मल प्रक्रिया है...

कुल मिलाकर, बात सिर्फ इतनी है कि पीरियड्स एक नार्मल प्रक्रिया है और इस पर हमेशा खुलकर बात करनी चाहिए, ये कोई शर्म वाली बात नहीं है। पीरियड्स होने पर भी हर महिला अपना नार्मल काम कर सकती है। ये कोई बीमारी नहीं है।

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English summary
Period is one of the most significant biological processes in the life of a woman. here Know 5 Myths related to Menstrual cycle.
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