कोरोना काल में भी पर्यावरण संरक्षण में जुटे पीपल बाबा, जारी है पेड़ों का लगाने का सिलसिला
नई दिल्ली: पूरे देश में कोरोना का कहर जारी है। अब तक देश में 1.39 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना की चेन तोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने 31 मई तक लॉकडाउन का ऐलान कर रखा है, जिस वजह से सभी कामकाज ठप हैं। वहीं दूसरी ओर पीपल बाबा की टीम पर्यावरण संरक्षण के काम में लगी हुई है। वो अपनी टीम के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पेड़ लगा रहे हैं।
Give me Trees Trust के संस्थापक प्रेम परिवर्तन (पीपल बाबा) के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से औद्योगिक गतिविधियां बंद हैं। जिस वजह से प्रदूषण का स्तर कम हो गया है। ऐसे में हम पेड़ लगाकर अपने पर्यावरण को हरा भरा बना सकते है। उनके मुताबिक कोरोना महामारी के दौर में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। इस महामारी से बचने के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है, लेकिन इस समय हर एक नागरिक सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करते हुए अगर एक-एक पेड़ लगाये और कुछ दिनों तक उसकी देखभाल करे, तो आने वाले समय में भारत को स्वच्छ पर्यावरण देने की दिशा में एक बड़ी पूंजी का निर्माण हो सकता है | इस कोरोना काल में भी पीपल बाबा और उनकी टीम सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करते हुए अपने पेड़ लगाओ अभियान में जुटी हुई है। पीपल बाबा के मुताबिक जैसे कोरोना योद्धा लोगों की जिंदगी बचा रहे हैं, वैसे ही हमारे पर्यावरण योद्धाओं ने अपने कार्य को जारी रखने का फैसला किया है।
अर्थव्यवस्था
के
लिए
भी
पेड़
जरूरी
पीपल
बाबा
के
मुताबिक
पेड़
अर्थव्यवस्था
की
रीढ़
हैं।
पेड़
लकड़ी,
फल,
फूल,
औषधि,
उद्योगों
के
लिए
कच्चे
माल
का
जरिया
हैं।
इसके
साथ-साथ
पेड़
अपने
जीवन
काल
में
लाखों
लोगों
को
ऑक्सीजन
देते
हैं।
उद्योगों
से
हमारे
वातावरण
में
जो
गंदगी
(CO2)
आती
है,
उसे
पेड़
अवशोषित
करके
बदले
में
ऑक्सीजन
होते
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
ये
पेड़
भगवान
शिव
के
साक्षात
प्रतिबिम्ब
हैं,
जो
सृष्टि
को
बचाने
के
लिए
बिष
(जहर)
का
वहन
करते
हैं।