दलितों के लिए एनडीए सरकार का संदेश लेकर देशभर की यात्रा करेंगे पासवान
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नई दिल्ली। जिस तरह से पिछले काफी समय से दलितों के खिलाफ हो रहे शोषण और लिंचिंग की खबरें सामने आई है, उसके बाद मोदी सरकार को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा है। लेकिन कई राज्यों में चुनाव की तारीख नजदीक आने और लोकसभा चुनाव की दस्तक के बीच मोदी सरकार के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री और दलित नेता राम विलास पासवान दलितों के बीच सरकार का संदेश लेकर जाएंगे। जिस तरह से संसद में मोदी सरकार ने एसएसी/एसटी संशोधन विधेयक को पास किया, उसके बाद पासवान दलितों के प्रति सरकार के रवैये का संदेश देशभर के दलितों के बीच पहुंचाएंगे।
एक महीने का दौरा
नेशनल डेमोक्रैटिक अलायंस के मुख्य सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया और खाद्य मंत्री रामविलास पासवान के कंधों पर यह जिम्मेदारी है कि वह दलितों को एक बार फिर से मोदी सरकार की योजनाओं और सरकार द्वारा दलितों के लिए किए गए काम की जानकारी दें। जानकारी के अनुसार रामविलास पासवान सरकार के संदेश को देशभर में घूम-घूमकर पहुंचाएंगे। वह तकरीबन एक महीने तक देश के अलग-अलग हिस्सों का दौरा करेंगे।
संपर्क फॉर अभियान के तहत दौरा
पासवान इस दौरान सरकार द्वारा दलित समुदाय के लिए किए गए काम की जानकारी लोगों को देंगे। मोदी सरकार इस अभियान के द्वारा दलितों के भीतर केंद्र सरकार के प्रति नाराजगी को दूर करने के कोशिश करेगी। अपने अभियान के दौरान पासवान विपक्षी दल के नेताओं से दलितों के मुद्दे पर सवाल करेंगे और बताएंगे कि पिछले चार साल में मोदी सरकार ने दलितों के लिए क्या किया है।
संसद में पास हुआ बिल
आपको बता दें कि मानसून सत्र में संसद ने एसएसी/एसटी विधेयक को पास कर दिया था, जिसमे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस एक्ट में बदलाव करते हुए कहा था कि दलित समुदाय पर शोषण के मामलों में अब सीधे गिरफ्तारी नहीं होगी। जिसके बाद देशभर में इस मसले पर दलित संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था। आपको बता दें कि इस विधेयक को लोकसभा में 6 अगस्त को पास कर दिया गया था, जबकि राज्यसभा में इसे ध्वनि मत से पास कर दिया गया था।
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विपक्षी नेताओं पर साधेंगे निशाना
माना जा रहा है कि पासवान अपनी यात्रा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर सवाल दागेंगे और तमाम नेताओं से सवाल पूछेंगे कि उन लोगों ने बाबा साहब भीम राव अंबेडकर के नाम पर दलितों के लिए क्या किया। इस दौरान पासवान ना सिर्फ कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना साधेंगे बल्कि वह बसपा नेता मायावती और सपा को भी आड़े हाथों लेंगे। इससे पहले खुद पासवान कह चुके हैं कि दलितों की नेता होने के बाद भी मायावती ने सिर्फ अपने लिए सोचा है, दलित समुदाय को उनसे कोई लाभ नहीं मिला है।
भाजपा का बड़ा दांव
आपको बता दें कि मोदी सरकार पासवान पर बहुत हद तक दलितों के मुद्दे पर निर्भर है। जिस स्तर के दलित नेता के तौर पर पासवान जाने जाते हैं उसे देखते हुए भाजपा उनका भरपूर इस्तेमाल दलितों को लुभाने के लिए करना चाहती है। पासवान विपक्ष से अपनी यात्रा के दौरान पूछेंगे कि आखिर क्यों उन जगहों को नजरअंदाज किया गया जो बाबा साहब से जुड़ी हुई थी। आखिर क्यों एससी और एसटी को संवैधानिक दर्जा नहीं दिया गया। यही नहीं अपनी यात्रा के दौरान वह तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरेंगे।
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