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एक्सपर्ट ने बताया- अपराध के वक्त बच्चों के यौन शिकारी के मन में क्या चल रहा होता है?

एक एक्सपर्ट ने बताया कि बच्चों का यौन उत्पीड़न करने के आदी अपराधियों के दिमाग में उस वक्त क्या चल रहा होता है और वे अपने अपराध के बारे में क्या सोचते हैं।

By Brajesh Mishra
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नई दिल्ली। बच्चों का यौन उत्पीड़न करने के आदी अपराधियों की मानसिक स्थिति को समझने वाले साइकोलॉजिस्ट को भी आम लोगों के बीच काफी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। क्रिमिनल साइकोलॉजिस्ट रजत मित्रा ने हाल ही में दिल्ली में सीरियल रेपिस्ट की गिरफ्तारी के बाद इसे लेकर अपने विचार साझा किए हैं। उन्होंने बताया कि अपने अनुभवों और तमाम केसों की स्टडी के बाद उन्होंने ऐसे अपराधियों की मानसिक स्थिति को समझा है और यह भी जाना है कि अपराध करते समय उनके दिमाग में क्या चल रहा होता है? क्या वे इसे गलत मानते हैं या फिर अपने किए पर उन्हें किसी तरह का पछतावा होता? बच्चों कौ यौन उत्पीड़न करने वाले अपराधियों के दिलो-दिमाग में कौन सी बात चल रही होती है यह लोगों के बीच चर्चा का विषय है। हिंदुस्तान टाइम्स से रजत मित्रा ने अपने अनुभव साझा किए हैं।

ऐसे पता चला कौन है अपराधी...

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बच्चों की तस्वीरों के पास लिखी थी मन की बात

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'अपराधी इसे समझते हैं जरूरी काम'

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क्या काउंसलिंग या थेरेपी से हो सकता है बदलाव?

क्या काउंसलिंग या थेरेपी से हो सकता है बदलाव?

काउंसलिंग या थेरेपी से ऐसे अपराधियों में बदलाव की संभावनाओं को रजत मित्रा सिरे से नकार देते हैं। उन्होंने कहा, 'ऐसे अपराधियों दिमाग में यह बात बैठी होती है कि बच्चों से शारीरिक संबंध बनाकर ही वह बेहतर फील कर सकते हैं। उन्हें आम जिंदगी के बाकी सुख अच्छे नहीं लगते।' उन्होंने कहा कि इंटरनेट और तकनीक की वजह से ऐसे अपराधी ज्यादा शातिर हो गए हैं। अगर अभी हम अपने बच्चों को यह नहीं बताएंगे कि वे कैसे अपना बचाव करें तो उनका बचपन खराब हो जाएगा। अपने बच्चों को अपराधियों से बचाने के लिए परिजनों को भी अलर्ट रहना चाहिए और बच्चों को सही जानकारियां देनी चाहिए।

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English summary
Paedophiles feel their act as rightful task never feel remorse says expert Rajat Mitra.
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