सेना ने कराई 36 साल बाद कश्मीर में मां भद्रकाली की असली मूर्ति की पुनर्स्थापना, आर्मी खुद करेगी हिफाजत
श्रीनगर। 36 साल बाद सेना ने घाटी में मां भद्रकाली की मूर्ति की पुनर्स्थापना की है। मूर्ति करीब सवा सौ साल पुरानी है। बता दें कि मूर्ति का निर्माण 1891 में कराया गया था। इस बीच गांव के ही श्रीमान सर्वा को मां ने दर्शन दिए और कहा कि उनकी मूर्ति को खानयार स्थित मंदिर से हंदवाड़ा में स्थापित किया जाए। सर्वा के बेटे केशवजी ने इस मूर्ति को खानयार से हटवाकर भद्रकाल गांव में भद्रकाली मंदिर में स्थापित करा दिया। उसके बाद रहस्यमय परिस्थितियों में मूर्ति मंदिर से 1981 में चोरी हो गई। 1983 में मूर्ति को खोज निकाला गया। इसके बाद मूर्ति को जम्मू में रखा गया था और अब जाकर सेना की मदद से इस मूर्ति को हंदवाड़ा के ऐतिहासिक मंदिर में पुर्नस्थापित किया गया है। मन्दिर की सुरक्षा सेना के जवानों की तैनाती की गई है।
नवरात्र के पहले दिन मूर्ति की स्थापना
मां भद्रकाली की मूर्ति को मंदिर में फिर से स्थापित करने में सेना की 21 राष्ट्रीय राइफल्स ने मदद की और अब मंदिर की सुरक्षा में सेना के जवानों की तैनाती भी कर दी गई है। खबर के अनुसार, पंडित भूषण लाल ने 7 सेक्टर के राष्ट्रीय राइफल्स के ब्रिगेडियर डीआर राय से इस मूर्ति को कश्मीर में पुर्नस्थापित करने में मदद मांगी। इस पर ब्रिगेडियर राय ने वादा किया कि नवरात्रों की शुरुआत में मूर्ति मंदिर में फिर से स्थापित कर दी जाएगी। इसके बाद 18 मार्च, 2018 को नवरात्रे के पहले दिन मां भद्रकाली की ऐतिहासिक मूर्ति मंदिर में स्थापित कर दी गई।
क्या कहना है ब्रिगेडियर का
ब्रिगेडियर ने कहा कि मंदिर और मूर्ति की सुरक्षा के लिए जवान तैनात रहेंगे। करीब 36 वर्षों बाद सवा सौ साल पुरानी मां की मूर्ति को उसकी सही जगह मिल गई। इस मौके पर मेजर जनरल एके सिंह और काफी संख्या में देश के विभिन्न भागों से आए मां के भक्त मौजूद रहे।
तबसे अबतक पंडित भूषण लाल कर रहे थे मूर्ति की पूजा-अर्चना
मूर्ति चोरी होने के बाद जब 1983 में बरामद की गई तो उसके बाद से भूषण लाल पंडित इसे लेकी जम्मू आ गए और वहीं पर मां भद्रकाली की मूर्ति की पूजा करते रहे। मूर्ति की स्थापना के दौरान गांव में उत्सव सा माहोल देखने को मिला। मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ भी पहुंची।