लोकसभा चुनाव 2019: चंद्रबाबू नायडू को लगा एक और तगड़ा झटका, एक और सांसद ने छोड़ा साथ
नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को सोमवार को एक और झटका लगा। उनकी पार्टी टीडीपी के एक और सासंद रवींद्र बाबू ने पार्टी छोड़ दी है। पार्टी छोड़ने के बाद उन्होंने जगममोहन रेड्डी की अगुवाई वाली वाईएसआर कांग्रेस का दामन थाम लिया। लोकसभा चुनाव से पहले ये नायडू की तेलगुदेशम पार्टी के लिए बड़ा झटका है। रवींद्र बाबू अमलापुरम से मौजूदा सांसद हैं । रवींद्र बाबू ने सोमवार को वाईएसआर कांग्रेस अध्यक्ष वाईएस जगनमोहन रेड्डी से मुलाकात की और आधिकारिक तौर पर उनकी पार्टी में शामिल हो गए हैं। अमलापुरम सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है और ईस्ट गोदावरी जिले में आती है।
एक हफ्ते के अंदर दूसरे सांसद ने छोड़ी पार्टी
इसके साथ ही एक हफ्ते के दौरान टीडीपी से इस्तीफा देने वाले रवींद्र बाबू दूसरे सांसद बन गए हैं. उनसे पहले टीडीपी सांसद एम श्रीनावास ने पार्टी से इस्तीफा देकर वाईएसआर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उनके अलावा चिरला के विधायक ए कृष्मा मोहन ने भी पार्टी छोड़कर वाईएसआर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। केंद्रीय सर्विस में अपनी सेवा दे चुके रविंद्र बाबू साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार जीत कर सांसद बने थे। ऐसी खबरें आ रही थी कि पार्टी उन्हें अमलापुरम लोकसभा सीट से 2019 के लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं देने वाली थी। इसी वजह से वो पार्टी से नाराज चल रहे थे।
जगनमोहन रेड्डी से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि मैं वाईएसआर कांग्रेस में शामिल होकर खुश हैं। ये मेरे लिए घर वापसी जैसा है। उन्होंने चंद्रबाबू नायडू की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने आंध्र प्रदेश को स्पेशल इकोनिम पैकेज दिलाने के नाम पर उन्होंने आंध्र प्रदेश की जनता के साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र से राज्य को कुछ भी नायडू की वजह से नहीं मिला। चंद्रबाबू नायडू जब तक सूबे के सीएम रहेंगे तब तक समृद्धि नहीं आएगी।
गौरतलब है कि चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र में एनडीए सरकार से आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा ना देने पर अपनी पार्टी का समर्थन वापस ले लिया था। इस मुद्दे पर उन्होंने दिल्ली में मोदी सरकार के खिलाफ एक दिन का अनशन भी किया था। इस अनशन में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी भी शामिल हुई थी।