झारखंड में भूख से हुई तीसरी मौत, राशन नहीं मिल पाने की वजह से तोड़ दिया दम
रांची। झारखंड में इन दिनों भूख का तांडव हो रहा है। पहले एक मासूम बच्ची और फिर एक रिक्शेवाले की मौत के बाद अब 62 साल के रूपलाल मरांडी की भी भूख से मौत हो गई है। रूपलाल की बेटी मनोदी मरांडी ने बताया कि उसके पिता के अंगूठे का निशान बायोमीट्रिक मशीन से नहीं मिलने की वजह से पिछले दो महीने से उनके परिवार को राशन नहीं दिया जा रहा था। इसके चलते घर में दो दिनों से चूल्हा नहीं जला था। एक पड़ोसी ने कुछ खाना दिया था, जिसे खाकर परिवार किसी तरह से जी रहा था।
रिक्शेवाले
की
भी
हुई
थी
मौत
खाना
न
मिल
पाने
की
वजह
से
धनबाद
के
झरिया
में
एक
रिक्शा
चालक
की
भूख
से
तड़पकर
मौत
हो
चुकी
है।
यह
कहा
जा
रहा
है
40
साल
के
बैजनाथ
दास
के
घर
में
खाने
के
लिए
अनाज
नहीं
था,
जिसके
चलते
बिना
खाने
के
वह
बीमार
हो
गया
और
उसके
बाद
मौत
के
मुंह
में
समा
गया।
जब
मामले
की
खबर
सरकार
के
आला
अधिकारियों
को
मिली
तो
वह
मौके
पर
पहुंचे।
झारखंड
प्रशासन
ने
राष्ट्रीय
पारिवारिक
लाभ
योजना
के
तहत
20
हजार
रुपए
का
चेक
बैजनाथ
दास
की
पत्नी
को
दिया
है।
इसके
साथ
ही,
राज्य
के
खाद्य
आपूर्ति
मंत्री
सरयू
रॉय
ने
इस
मामले
की
जांच
करने
का
भी
आदेश
जारी
कर
दिया
है।
कुछ
सप्ताह
पहले
ही
भूख
से
हुई
थी
बच्ची
की
मौत
कुछ
सप्ताह
पहले
ही
28
सितंबर
को
झारखंड
के
सिमडेगा
जिले
में
11
साल
की
मासूम
को
आधार
कार्ड
की
वजह
से
अपनी
जान
गंवानी
पड़ी
थी।
दरअसल,
बच्ची
का
परिवार
अपना
राशन
कार्ड
आधार
कार्ड
से
लिंक
नहीं
करा
पाया
था,
जिसकी
वजह
से
उसे
राशन
नहीं
मिला
और
मासूम
बच्ची
को
भूख
की
वजह
से
तड़प-तड़प
कर
अपनी
जान
गंवानी
पड़
गई।
आपको
बता
दें
कि
आधार
कार्ड
से
राशन
कार्ड
लिंक
नहीं
होने
की
वजह
से
परिवार
को
पीडीएस
स्कीम
के
तहत
जो
गरीबों
को
अनाज
मिलता
है
वह
उसे
नहीं
मिल
पा
रहा
था।
हालात
इतने
बदतर
हो
गए
थे
कि
परिवार
के
पास
खाने
के
लाले
पड़
गए
थे,
जिसके
चलते
11
साल
की
मासूम
संतोषी
कुमारी
की
जान
चली
गई।
बच्ची
की
मां
ने
बताया-
'मैं
जब
राशन
की
दुकान
पर
राशन
लेने
गई
तो
उन
लोगों
ने
राशन
देने
से
मना
कर
दिया।
मेरी
बेटी
भात-भात
कहते
हुए
मर
गई।'
मरी
बच्ची
की
मां
को
गांव
से
निकाला
यह
भी
खबर
सामने
आ
रही
है
कि
बच्ची
की
मौत
के
बाद
उसकी
मां
कोयली
देवी
को
गांव
से
बाहर
निकाल
दिया
गया
है।
स्थानीय
लोगों
ने
कोयली
देवी
पर
आरोप
लगाया
है
कि
उन्होंने
गांव
की
बदनामी
की
है।
कोयली
देवी
को
गांव
से
निकाले
जाने
के
बाद
उन्होंने
पंचायत
घर
में
आश्रय
लिया
है।
इस
मामले
की
फिलहाल
जांच
की
जा
रही
है।
कोयली
देवी
को
लगातार
धमकियां
भी
मिल
रही
हैं।
गांव
वाले
कोयली
देवी
को
धमका
रहे
हैं
और
गालियां
दे
रहे
हैं,
जिसके
बाद
उनकी
सुरक्षा
में
कुछ
पुलिस
के
जवान
भी
तैनात
किए
गए
हैं।