पुणे : बुजुर्ग महिला की बीमारी की वजह से ऐसी बेइज्जती कि आप भी हो जाएं शर्मसार
नई दिल्ली। विटिलिगो नामक एक त्वचा संबंधी गैर-संक्रामक बीमारी से ग्रसित एक 55 वर्षीय महिला को स्पा में सर्विस नहीं दी गई। ऐसा उनके साथ सिर्फ इसलिए हुआ क्योंकि स्पा के थेरेपिस्ट इस बीमारी को लेकर जागरूक नहीं थे।
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना पुणे ब्रांच स्थित कोरेगांव पार्क में फोर फाउंटेंस स्पा की है।
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यह महिला जैसे ही स्पा में गईंं, उनका स्टाफ ने स्वागत किया। इसके बाद वह जैसे ही मसाज के लिए लेटीं, थेरेपिस्ट ने उनके बदन पर चकत्ते देखकर कमरा छोड़ दिया। वह अगले 15 मिनट तक अंदर नहीं आई तो महिला ने मैनेजर से बात की। मैनेजर ने उन्हें बताया कि थेरेपिस्ट ने मसाज करने के इसलिए इनकार कर दिया है क्योंकि उनकी त्वचा पर चकत्ते हैं। इसके बाद वह वहां से गुस्सा होकर चली आईं।
यह कहना है महिला का
उन्होंने बताया कि,'मैं उस दिन आराम चाहती थीं और वह पहली बार उस स्पा में गई थीं। मैं जैसे ही मसाज कराने के लिए तैयार हुई, थेरेपिस्ट बाहर चली गई और वापस नहीं आई। मैं वहां उसका इंतजार करती रही। 15 मिनट बीत जाने के बाद मैं मैनेजर के पास गई तो जवाब सुनकर मैं चौंक गई।'
40 वर्षों से हैं बीमारी से ग्रस्त
महिला ने बताया कि वह बीते 40 वर्षोंं से इस बीमारी से ग्रस्त हैं। उन्होंने स्कूल दिनों को छोड़कर इससे पहले अपनी जिंदगी में कभी ऐसी बेइज्जती महसूस नहीं की। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता था कि समाज के लोगों को विटिलिगो के बारे में पता होगा।
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बेटी ने उठाया मुद्दा तो मांगी माफी
मुंबई में गणपति विसर्जन के दौरान जब वह अपनी बेटी से मिलने गईं तो बेटी ने यह मुद्दा स्पा के निदेशक के सामने उठाया। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि यह हमारी गलती थी। हम इसके लिए माफी मांगते हैं। हालांकि, मां से सीधे तौर पर स्पा वाले ने माफी नहीं मांगी।