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रूस- यूक्रेन शांति वार्ता के बाद तेल के कीमतों में गिरावट, जानिए कैसे चीन का कोरोना संक्रमण बना वजह

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ई दिल्ली, 29 मार्च। रूस और यूक्रेन (Russia Ukraine Conflict) के बीच शांति वार्ता आगे बढ़ने के साथ तेल की कीमतों (Oil Prices) में गिरावट आई। यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण तेल की आपूर्ति में कमी आई, जिसके कारण तेल की कीमतें लगातर बढ़ रही थीं। इस महीने की शुरुआत में कीमतें 14 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई थीं। पिछले दिनों से लगातार बढ़ रही तेल की कीमतों को लेकर यह एक बड़ी राहत की खबर है।

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5 प्रतिशत तक घटी तेल की कीमतें

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों लंबे समय बाद गिरावट दर्ज की गई है। न्यूज एजेंस एनएआई ने अंतर्राष्ट्रीय समाचार समिति एएफपी के हवाले से कहा है कि यूक्रेन वार्ता के तेल आपूर्ति (Oil Supply) की आशंका कम होने से तेल की कीमतों में 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। सोमवार को यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड फ्यूचर्स 59 सेंट्स या 0.6 फीसदी की गिरावट के साथ 105.37 डॉलर पर था, जो 103.46 डॉलर के निचले स्तर तक भी गया था। वहीं ब्रेंट क्रूड वायदा 60 सेंट्स या 0.5 प्रतिशत गिरकर 111.88 डॉलर प्रति बैरल (0649 GMT) पर था, जो 109.97 डॉलर तक भी गिरा था। दोनों बेंचमार्क कॉन्ट्रैक्ट्स में सोमवार को करीब 7% की गिरावट दर्ज की गई।

चीन के संघाई में तेल की खपत घटी

यूक्रेन और रूस बीच जारी संघर्ष के बीच शांति वार्ता (Russia Ukraine peace talks) करीब दो सप्ताह से अधिक समय के अंतराल पर हुई। निसान सिक्योरिटीज के शोध महाप्रबंधक हिरोयुकी किकुकावा ने कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच शांति वार्ता की उम्मीदों को लेकर तेल की कीमतों में गिरावट आई है। हालांकि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष के कारण तेल की कीमतों दबाव कम नहीं है। वहीं चीन (China) में कोरोना संक्रमण (Covid-19) को लेकर लग रहे लॉकडाउन (Lockdown) का भी तेल की कीमतों (Oil Prices) पर असर पड़ रहा है। शंघाई में 9 दिन के दो चरणों वाले लॉकडाउन से तेल की खपत पर असर पड़ा है।

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चीन तेल का सबसे बड़ा आयातक देश है। एएनजेड रिसर्च के विश्लेषकों की मानें तो चीन के तेल की कुल खपत का 4 प्रतिशत हिस्सा अकेले शंघाई में खर्च होता है। यहां 14 दिन के लॉकडाउन से भी तेल की कीमतों के गिरने का अनुमान लगाया जा रहा है।

English summary
Oil prices srink down by 4% after Russia and Ukraine hold peace talks
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