क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

पहली बार 50 डॉलर प्रति बैरल से भी कम हुई तेल की कीमतें, भारत के लिए फायदा

Google Oneindia News

नई दिल्ली। ग्लोबल क्रूड ऑयल मार्केट में ओपेक देश फिलहाल ऐसा कोई कदम नहीं उठाने जा रही है जिससे के तेल की कीमतें प्रभावित हो, इसलिए इस साल यह पहली बार देखा गया है जब न्यूयॉर्क में तेल की कीमतें 50 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे चली गई। अब सभी की नजरें अर्जेंटीना में होने जा रहे जी20 समिट पर टिकी हुई है, जहां रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान तेल पर आपसी सहयोग के लिए चर्चा करेंगे।

पहली बार 50 डॉलर प्रति बैरल से भी कम हुई तेल की कीमतें

सऊदी अरब और अमेरिका के शेल से उत्पादन फिर से बढ़ना शुरू हो रहा है। पिछले 10 सप्ताह तक यूएस क्रूड स्टॉकपाइल में लगातार वृद्धि हो रही है। वहीं, 2019 में ऑयल प्रोडक्शन पॉलिसी को लेकर ओपेक, रूस और अन्य उत्पादक देश अगले सप्ताह वियना में चर्चा के लिए मुलाकात करेंगे।

न्यूयॉर्क में फ्यूचर्स में 1.8% की गिरावट आई और क्रूड ऑयल 49.41 डॉलर प्रति बैरल हो गया है। इससे पहले अक्टूबर 2017 के शुरुआती दिनों से ऐसा देखा गया था, जब प्रति डॉलर तेल की कीमतें सबसे कम देखी गई थी। रूस का मानना है कि 60 डॉलर प्रति बैरल अगर क्रूड ऑयल का भाव में मार्केट में रहता है तो अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेल की कीमतों में स्थिरता रह सकती है।

ब्‍लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक तेल कीमतों में 10 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट का अर्थ है तेल आयातक देशों की जीडीपी में 0.5% से 0.7% की बढ़ोतरी होना, जिससे भारत की अर्थव्‍यवस्‍था और मजबूत होगी और देश की विकास दर बढ़ जाएगी। इसके अलावा महंगाई भी घटेगी।

Comments
English summary
Oil prices slides below $50 for first time in a year on Russia stance
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X