भारत दौरे पर ओबामा, अफगानिस्तान मसले पर होगी बात
नयी दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा 26 जनवरी को भारत दौरे पर होंगे। ओबामा यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आग्रह पर गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने आ रहे हैं। ओबामा की ये भारत यात्रा कई मईनों में अहम है। भारत ओबामा के इस यात्रा को लेकर खास तैयारियां कर रहा हैं तो वहीं ओबामा के जरिए अफगानिस्तान मसले पर भी गंभीर वार्ता को लेकर अत्साहित हैं। सूत्रों ने वनइंडिया को जानकारी दी कि कि ओबामा के इस दौरे के दौरान भारत अमेरिकी राष्ट्रपति से आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों और पाकिस्तान द्वारा बार-बार किए जा रहे उल्लधंनों को लेकर गंभीर वर्ता कर सकता है।
अफगान-पाक में आतंक पर चर्चा
इस दौरे में भारत-अमेरिका के बीच आईएसआईएस और अफगान-पाकिस्तान में आतंकवाद को लेकर भी चर्चा होगी। भारत अमेरिका से पाकिस्तान की स्थिति के बारे में और इस पर पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी लेगा।
पाक- अफगानिस्तान को लेकर होगी बात
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस मुद्दे पर रक्षा से लेकर अर्थव्यवस्था को लेकर बातचीत हो सकती है, लेकर कहा जा रहा है कि दोनों देशों के बीच बातचीत का मुख्य मुद्दा अफगानिस्तान होगा। भारत ने हमेशा से अफगान में पाकिस्तान के धकल का मुद्दा उठाया है और माना जा रहा है कि एकबार फिर से ओबामा के साथ बातचीत के दौरान ये मुद्दा उठाया जाएगा। पाकिस्तान ने तालिबान नेता मुल्ला उमर को सुरक्षि त रखा है और सही वक्त पर उसका इस्तेमाल करने का इतंजार कर रहा है। पाकिस्तान हमेशा से तालिबान का समर्थक रहा है। तालिबान के हथियार और फंड के लिए पाकिस्तान हमेशा से आगे रहा है।
भारत की मदद से आफगानिस्तान समृद्ध
अफगानिस्तान हमेशा से युद्ध और विकास के बीच बिखरा हुआ रहा हैं। आतंकी संगटों की मौजूदगी ने इसके विकास को हमेशा से प्रभावित किया है। ऐसे में भारत के साथ अच्छे संबंध अफगानिस्तान को विकास के पथ पर वापस ला सकते हैं। भारत-अफगान के बीच व्यापार संबंध ना केवल भारत के लिए बल्कि अफगानिस्तान के लिए भी बेहतर हैं। भारत के लिए अफगानिस्तान ऊर्जा का स्त्रोत हैं। भारत अफगानिस्तान के प्रकृतिक संसाधनों में दिलचस्पी रखता है ।
अफगानिस्तान के पास लोहा, लीथियम, कोबाल्ट, कॉपर जैसे खनिज है। अफगान नैचुरल गैस और तेल के मामले में भी धनी है। ऐसे में भारत सही पड़ताल कर इस संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल कर सकता है। भारत अब तक ऐसा नहीं कर पाया क्योंकि अफगानिस्तान अपने आंतरिक मुद्दों से जूझता रहा हैं और अब तक ये प्रकृतिक संसाधन इस्तेमाल नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में भारत अमेरिका को इन मुद्दों को लेकर प्रभावित कर सकता है। भारत इस बात को लेकर अमेरिका को मना सकता है कि वो अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता लाने के साथ-साथ उसके आर्थिक विकास को बढ़ाने में मददगार होगा। अफगानिस्तान सिल्क रूट के पुनरुद्धार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन ये सभी संभव है जब इस क्षेत्र में स्थिरता आए।
अफगानिस्तान पुलिस की ट्रेनिंग
यह भारत और पाकिस्तान के बीच एक विवादास्पद मुद्दा रहा है। भारत अफगान पुलिस और सुरक्षा बलों के प्रशिक्षण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के विस्तार के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका को प्रभावित कर सकता है। भारत इस मुद्दे को अमेरिका से सामने उठा सकता है। इसके लिए भारत को अमेरिका को ये बताना होगा कि वह अफगानिस्तान बलों के प्रशिक्षण में अपने काउंटर उग्रवाद विशेषज्ञता का उपयोग कर सकता है। आपको बता दें कि अफगानिस्तान में ज्यादातर लोग चाहते हैं कि भारत इस दिशा में एक बड़ी भूमिका निभाएं। भारत हमेशा से शांति और स्थिरता को लेकर सजग रहा हैं।
ड्रग्स तस्करी पर अंकुश
पाकिस्तान और अफगानिस्तान में ड्रग्स तस्करी का धंधा चलाने वाले गिरोह न केवल भारत के लिए गंभीर मुद्दा बने हुए है ब्लकि वो पूरे विश्वस के लिए बड़ी चिंता का विषय बनकर उभरे हैं। अफगानिस्तान से ड्रग्स का खेप पाकिस्तान के रास्ते से दुनियाभर में पहुंचता है। पश्चिमी अफगानिस्तान ड्रग्स उत्पाद में सबसे आगे रहा है। भारत इस मसले को भी अमेरिका के सामने उठा सकता है।