अब स्वराज पाल और बाबी जिंदल गोद ले सकेंगे भारत के रेलवे स्टेशनों को
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला)अब ब्रिटेन में बसे प्रमुख एनआरआई यानी प्रवासी भारतीय स्वराज पाल या फिर अमेरिका के सबसे मशहूर प्रवासी भारतीय बाबी जिंदल चाहें तो अपने भारत के शहरों के रेलवे को विकसित कर सकेंगे। स्वराज पाल का संबंध जालंधर से है और जिंदल के पेरेन्ट्स भी जालंधर और लुधियाना से ताल्लुक रखते हैं।
दरअसल भारतीय रेलवे अब दुनियाभर में बसे करोड़ों एनआरआई को अपने साथ जोड़ना चाहता है। उसकी चाहत है कि एनआरआई अपने या अपने पुरखों के शहरों के रेलवे स्टेशनों को गोद ले लें। उन्हें वे रेलवे के साथ मिलकर विकसित करें। रेलवे के सूत्रों ने बताया कि रेलवे चाहता है कि एनआरआई कुछ धन खर्च ताकि उनके शहरों के रेलवे स्टेशनों का बेहतर तरीके से विकास हो सके। [तत्काल टिकट बुक कराने का समय बदला, कैसिंल होने पर आधा पैसा वापस]
पुरस्कृत होगा
जो एनआरआई इस काम में आगे आएंगे उन्हें रेलवे अपने तरीके से पुरस्कृत भी करेगा।जैसा कि रेलवे स्टेशन में एक पट्टिका लगाई जाएगी जिसमें उस व्यक्ति या व्यक्तियों का विस्तार से उल्लेख होगा जिसने अपने शहर या गांव के स्टेशन को रेलवे के साथ मिलकर विकसित किया।
शाहदरा स्टेशन को लेंगे गोद
रेलवे इस तरह की योजना को जल्दी ही एनआरआई के बीच में लेकर जाएगी। रेलवे की उक्त योजना पर टिप्पणी करते हुए दुबई में बसे हुए दिल्ली के एक एनआरआई संतोख चावला ने कहा कि उन्हें ये बेहद शानदार योजना लगी है। वे दिल्ली में शाहदरा रेलवे स्टेशन को विकसित करना चाहेंगे। शाहदरा रेलवे स्टेशन उनके बचपन के घर से सटा था। उनकी उसको लेकर तमाम यादें हैं।