BSF के बाद छलका सीआरपीएफ जवान का दर्द, PM मोदी के नाम जारी VIDEO वायरल
जवान ने वीडियो में कहा है कि देश में ऐसी कोई ड्यूटी नहीं जिसे सीआरपीएफ के जवान नहीं करते हों। इसके बाद भी सीआरपीएफ को वह सुविधाएं नहीं मिल पातीं जो सेना को मिलती हैं।
मथुरा। बीएसएफ जवान के बाद मथुरा के सौंख क्षेत्र में रहने वाले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान का दर्द छलका है। सेना और सीआरपीएफ के बीच सुविधाओं के बड़े अंतर पर सवाल खड़े करते हुए जवान ने प्रधानमंत्री से गुहार लगाई है। कस्बा सौंख के ग्राम सहजुआ थोक के रहने वाले सीआरपीएफ जवान जीत सिंह का प्रधानमंत्री के नाम वीडियो वायरल हुआ है।
'हर
जगह
करते
हैं
ड्यूटी,
फिर
भी
नहीं
सुविधाएं'
जवान
ने
वीडियो
में
कहा
है
कि
देश
में
ऐसी
कोई
ड्यूटी
नहीं
जिसे
सीआरपीएफ
के
जवान
नहीं
करते
हों।
मंदिर,
मस्जिद,
गुरुद्वारे
से
लेकर
संसद
भवन,
चुनाव,
वीआईपी
और
वीवीआई
सुरक्षा
में
सीआरपीएफ
को
लगाया
जाता
है।
इसके
बाद
भी
सीआरपीएफ
को
वह
सुविधाएं
नहीं
मिल
पातीं
जो
सेना
को
मिलती
हैं।
जवान
ने
वीडियो
में
कहा
है
कि
सेना
को
चिकित्सा,
कैंटीन
और
सफर
में
आरक्षण
जैसी
सुविधा
भी
मिलती
है।
रिटायर
होने
के
बाद
सेना
के
जवानों
को
अन्य
संस्थानों
में
प्राथमिकता
के
आधार
पर
काम
मिल
जाता
है।
सीआरपीएफ
के
जवान
को
सुविधाएं
नहीं
मिलती
हैं।
पढ़ें: तेज बहादुर की मां ने कहा- मेरे बेटे ने कुछ गलत नहीं किया, साथी सिपाहियों के लिए उठाया मुद्दा
प्रधानमंत्री मोदी से की अपील
जवान का कहना है कि शिक्षकों को हमसे अधिक वेतन मिलता है। वह सभी छुट्टियों का लाभ भी लेते हैं। लेकिन सीआरपीएफ में छुट्टियां समय से नहीं मिलतीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम जारी किए वीडियो में अंतर को समाप्त करने की मांग की गई है। जवान ने वीडियो को अधिक से अधिक शेयर करने की मांग की है। बता दें कि इसके पहले सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवान तेज बहादुर ने जवानों को मिलने वाले खाने और सुविधाओं पर सवाल उठाए थे। जिसके बाद बीएसएफ के अधिकारियों ने उन्हें मानसिक रूप से परेशान करार दिया था। तेज बहादुर ने अपने परिवार को बताया है कि उन पर अब बयान वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। सीआरपीएफ के डीजी दुर्गा प्रसाद ने कहा कि जवान ने जो मुद्दे उठाए हैं उन पर पहले ही विचार किया जा रहा है। सातवें वेतन आयोग की मांग के साथ ही इन सभी मांगों को भी शामिल किया गया है।