उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे ने पुराने कोचों में किया बड़ा बदलाव, बेहतर अनुभव देने के साथ रोजगार सृजन है लक्ष्य
मालीगांव (असम), 13 सितंबर: भारतीय रेलवे राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ यात्री सुविधाएं बढ़ाने और रोजगार के मौके तैयार करने के लिए नए-नए प्रयोग कर रहा है। इसी कड़ी में नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे ने ट्रेनों के बेकार हो चुके पुराने कोचों में बदलाव कर उन्हें रेस्टोरेंट के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। रेलवे के इस जोन ने अपने लगभग सारे डिविजन में ऐसे कोचों में बदलाव के काम में हाथ लगाया है और आने वाले दिनों में इस जोन के अधिकर स्टेशन पर कोच रेस्टोरेंट दिखने लगेंगे। रेलवे को उम्मीद है कि इस पहल से उसे अतिरिक्त राजस्व जुटाने में तो मदद मिलेगी ही, स्थानीय लोगों को रोजगार पाने का अवसर भी मिलेगा।
कोच रेस्टोरेंट स्थापित कर रहा है नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे
उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे ने रोजगार पैदा करने और यात्रियों को यात्रा का बेहतर और गुणवत्ता वाला अनुभव देने के लिए पुराने रेलवे कोचों को रेस्टोरेंट में बदलना शुरू कर दिया है। दरअसल, रेलवे अब ज्यादा से ज्यादा अत्याधुनिक एलएचबी कोचों के इस्तेमाल पर जोर दे रहा, जिसकी वजह से पुराने कोच सेवा से हटाए जा रहे हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे ने ट्रेन के जिन कोचों का उपयोग करना बंद कर दिया है, उसे रेस्टोरेंट के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। यह रेलवे का एक अनोखा प्रयोग है, जिसको लेकर उसे काफी उम्मीदें हैं।
कटिहार में कोच रेस्टोरेंट खुल चुका है
उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे ने पुराने कोच में बदलाव करके यह पहल शुरू की है और ऐसा एक कोच रेस्टोरेंट बिहार के कटिहार रेलवे स्टेशन पर खुल भी चुका है। जबकि ऐसा ही एक दूसरा कोच रेस्टोरेंट पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन में शुरू होने के लिए भी तैयार है। इस जोन के पांच डिविजनों में अलग स्थानों पर ऐसे 15 और कोच रेस्टोरेंट तैयार करने का फैसला किया जा चुका है।
इन स्टेशनों पर ही खुलेंगे रेलवे कोच रेस्टोरेंट
इनमें से एक-एक कोच रेस्टोरेंट पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग डिविजन और कटिहार डिविजन के जोगबनी में भी स्थापित किए जाएंगे। जबकि पश्चिम बंगाल के अलीपुर द्वार डिविजन में ऐसे कुल सात कोच रेस्टोरेंट बनाए जाएंगे। इसके लिए न्यू कूचबिहार, न्यू अलीपुर द्वार, मादड़ीहाट, लतागुरी, चालसा और राजा भात खावा जैसे स्टेशनों को चुना गया है। इसी तरह के कोच रेस्टोरेंट गुवाहाटी डिविजन में भी दो और तिनसुकिया डिविजन में भी तय किए गए हैं।
ट्रेन में परिवार और दोस्तों के साथ पसंदीदा खाने का आनंद मिलेगा
कटिहार में 6 स्थानों पर, अलीपुर द्वार में 8 जगहों पर, रंगिया में 14 जगहों पर लुम्डिंग में 11 स्थानों पर और तिनसुकिया डिविजन में 4 जगहों पर भी कोच रेस्टोरेंट की योजना है और इसपर काम चल रहा है। यात्रियों को आकर्षित करने के लिए कोच रेस्टोरेंट को सुंदरता के साथ डिजाइन किया जा रहा है, जिसमें खूबसूरती की विरासत की भी झलक मिले। इसका मकसद ये है कि लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ ट्रेन में बैठे हुए पसंदीदा खानों का आनंद लेने का अनुभव कर सकते हैं।
कुशल और अकुशल कामगारों को मिलेगा रोजगार का मौका
कोच रेस्टोरेंट में फूड, स्नैक्स और पेय पदार्थ खरीदने और खाने की सुविधा मिलेगी। यह तरकीब भारतीय रेलवे को ना सिर्फ गैर-टिकट राजस्व जुटाने में मदद करेगा, बल्कि इस पहल से उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे को उम्मीद है कि कुशल और अकुशल कामगारों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। सबसे बड़ी बात ये है कि इस तरह के कोच को बनाने से लेकर उसमें रेस्टोरेंट चलाने तक स्थानीय लोगों को रोजगार पाने का ज्यादा मौका मिलने की उम्मीद है।