'राहुल गांधी की पीएम दावेदारी से कोई ऐतराज नहीं, मोदी को हराने के लिए कुछ भी करेंगे'
चेन्नई। लोकसभा चुनाव को देखते विपक्षी पार्टियां एक दूसरे को एकजुट करने में जुट गई है। पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने कहा है कि उनको उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में रणनीति पर विचार विमर्ष के लिए डीएमक पार्टी अध्यक्ष एमके स्टालिन की अध्यक्षता में परंबलुर जिले में एक बैठक आयोजित की जाएगी। स्टालिन के करीबी और वफादार कहे जाने वाले ए राजा ने कहा कि पार्टी की रणनीति केंद्र में एक धर्मनिरपेक्ष सरकार बनाने में मदद करेगी और उसका ध्यान राज्य में मोदी बनाम डीएमके की लड़ाई पर होगा।
यह चुनाव डीएमके बनाम मोदी होगा
सीएनएन-न्यूज 18 को दिए एक इंटरव्यू में ए राजा ने कहा कि यह चुनाव डीएमके और एआईएडीएमके या एमके स्टालिन और ईपीएस-ओपीएस के बीच नहीं है। यह चुनाव डीएमके बनाम केंद्र सरकार और डीएमके बनाम मोदी है। राजा ने कहा कि हम एक धर्मनिरपेक्ष सरकार चाहते हैं। उन्होंने कहा राष्ट्रीय आउटलुक पर डीएमके एक क्षेत्रिय पार्टी है। ए राजा ने कहा कि एमके स्टालिन की भूमिका क्षेत्रीय दलों को एक साथ लाने और उनके बीच मतभेदों को हल करने में महत्वपूर्ण है।
मोदी को हटाने के लिए सब कुछ करेंगे
ए राजा ने कहा कि हम राजनीतिक रूप से राज्य तक ही सीमित हैं लेकिन हमारे पास भी देश के लिए अपनी रूचि है। इस बार, हम एक धर्मनिरपेक्ष सरकार चाहते हैं। राजा ने कहा, हम केंद्र में सरकार स्थापित करने के लिए सबकुछ करेंगे। डीएमके का मानना है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में वो धर्मनिरपेक्ष मोर्चा बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा। ए राजा ने कहा है कि संख्या के हिसाब से देखेंगे तो बीजेपी मजबूत है। उनके पास पैसा और शक्ति दोनों है। उनके पास देश में कई सीएम है। ऐसे में बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए एक बड़ा गठबंधन होना चाहिए।
राहुल गांधी के पीएम कैंडिडेट से कोई ऐतराज नहीं
ए राजा ने कहा है कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार को लेकर उनको कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि हम इस बार 40 सीट पर चुनाव लड़ेंगे और कोशिश करेंगे की 40 या फिर 35 सीटों पर पार्टी को जीत मिले। हम इस बात पर बल नहीं दे सकते हैं कि प्रधानमंत्री कौन होंगे। उन्होंने कहा कि पार्टियों को एक साथ चर्चा करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी और उनके बीच कोई मतभेद नहीं है। बता दें कि इधर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू भी शुक्रवार को स्टालिन से मिलने वाले हैं। नायडू ने पहले 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा से लड़ने के लिए 'एकजुट विपक्ष' की मांग की थी।