क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

संपूर्ण गोरक्षकों पर उंगली उठाने की ज़रूरत नहीं: विश्व हिंदू परिषद

विश्व हिंदू परिषद ने गोरक्षकों पर प्रधानमंत्री मोदी के निशाना साधने को एकतरफ़ा रवैया बताया है.

By हरिता कांडपाल - बीबीसी संवाददाता
Google Oneindia News
नरेंद्र मोदी
Getty Images
नरेंद्र मोदी

गोरक्षा की पुरज़ोर हिमायत करने वाली विश्व हिंदू परिषद ने प्रधानमंत्री के गोरक्षकों पर निशाना साधने को एकतरफ़ा रवैया बताया है.

देश में भीड़ के हाथों मारे जाने की घटनाओं पर चुप्पी तोड़ते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने गुरूवार को कहा कि गोरक्षा के नाम पर हिंसा महात्मा गांधी और विनोबा भावे के मूल्यों के ख़िलाफ़ है.

पिछले साल भी मोदी ने कहा था कि 'कुछ लोग गोरक्षा के नाम पर दुकान खोलकर बैठ गए हैं. मुझे इस पर बहुत ग़ुस्सा आता है.'

वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय सह सचिव डॉक्टर सुरेंद्र जैन ने बीबीसी से कहा, ''अगर सड़क पर किसी लड़की का बलात्कार करने की कोशिश हो रही है और कोई व्यक्ति इसे रोकने की कोशिश करे और अगर संघर्ष हो तो क्या परिणाम होगा ये कह नहीं सकता.''

''इसी तरह अधिकांश गोरक्षक कानून के रक्षक हैं, कानून के रखवाले हैं, इन्हें दोषी नहीं मानना चाहिए बल्कि गोरक्षकों का सम्मान करना चाहिए. कुछ लोग अपराध करते हैं उनके लिए संपूर्ण गोरक्षकों पर उंगली उठाने की ज़रूरत नहीं है.''

हम कैसे लोग हैं गाय के नाम पर इंसान को मारते हैं: मोदी

क्या है गोरक्षा के लिए लगने वाला गुंडा एक्ट

क़ानून बनाए केंद्र

डॉक्टर जैन ने प्रधानमंत्री के भाषण में गांधी-विनोबा का नाम आने का ज़िक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को गोहत्या के बारे में एक क़ानून बनाना चाहिए.

उन्होंने कहा, ''महात्मा गांधी और विनोबा जी का मानना था कि देश में गोहत्या बंदी के लिए एक केंद्रीय कानून लाया जाना चाहिए. विनोबा भावे ने तो इसके लिए अनशन भी किया था. अगर कानून बन जाएगा तो दोनों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी. मैं समझता हूं कि संतों और देश के हिंदुओं की भावनाओं को समझते हुए देश में एक केंद्रीय कानून लाना चाहिए.''

उन्होंने कहा, ''जितना संभव हो हिंसा से बचना चाहिए लेकिन गोहत्यारे भी गोहत्या पर कानून का पालन करें. कोई भी गोरक्षक पागल नहीं, ये गोरक्षक ज़िम्मेदार लोग हैं, देश के सभी राज्यों से मेरा निवेदन है कि कानून को लागू करें तो किसी को सड़क पर उतरने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. ''

पहलू, अख़लाक़ को मारने में भीड़ क्यों नहीं डरती?

गाय
Getty Images
गाय

गोरक्षक या अपराधी?

पिछले साल प्रधानमंत्री ने कहा था कि ऐसे गोरक्षक में से 80 फ़ीसदी लोग गोरखधंधे में लिप्त हैं.

उन्होंने आगे कहा, "कुछ लोग पूरी रात असामाजिक कार्यों में लिप्त रहते हैं और दिन में गोरक्षक का चोला पहन लेते हैं. मैं राज्य सरकार से कहता हूं कि वे ऐसे लोगों का डोज़ियर बनाएं."

इस पर डॉक्टर सुरेंद्र जैन ने कहा कि प्रधानमंत्री ने गोरक्षकों को अपराधी बताने वाले बयान को हैदराबाद में ठीक कर लिया था जब उन्होंने कहा कि गोरक्षा पवित्र काम है, तो ये चैप्टर समाप्त हो गया.

वो कहते हैं, ''इसमें (अपराधी तत्वों के) प्रतिशत में फ़र्क हो सकता है. कुछ लोग ग़लत हो सकते हैं कि जो लोग गोरक्षा की आड़ में ग़लत काम करें उन्हें ठीक करने के लिए कानून है.''

मीडिया पर 'सवाल'

डॉ सुरेंद्र जैन ने मीडिया पर एकतरफ़ा ख़बरें दिखाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वो गोरक्षकों पर होने वाली हिंसा को प्रकाश में नहीं लाता है.

उन्होंने कहा कि गोहत्या करने वालों और गोरक्षकों के बीच संघर्ष होता है तब कई जगहों पर गोरक्षक भी मारे जाते हैं. कई जगह गोहत्यारे मारे जाते हैं.

उन्होंने कहा, ''जब संघर्ष होता है उसमें गोहत्यारे हथियार लेकर चलते हैं और संघर्ष में किसको चोट लगेगी ये कहा नहीं जा सकता लेकिन जब कानून का पालन नहीं होगा तो लोग सड़क पर उतरते हैं. अगर पुलिस अपना काम ठीक से करेगी तो इसकी ज़रूरत नहीं पड़ेगी. ''

गाय
Getty Images
गाय
क्या प्रधानमंत्री के बयान का कोई मतलब नहीं?

सुरेंद्र जैन ने कहा कि प्रधानमंत्री ने तो ये भी कहा है कि धर्मांतरण नहीं होना चाहिए, उन्होंने कई और मुद्दों पर भी बातें की हैं लेकिन कुछ लोग जो ख़ुद को धर्मनिरपेक्ष मानते हैं वो सेलेक्टिव होकर इन बातों को मानने की बात करते हैं. तो जब गोरक्षकों की बात होती है तो एक समग्रता में मुद्दे को देखा जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, ''गोहत्यारों का भी डोज़ियर बनना चाहिए, जिन गौरक्षकों की हत्या हुई है इसकी भी जांच होनी चाहिए. देश में खुले आम बीफ़ पार्टी न हो सके ऐसा माहौल बनना चाहिए, केरल में खुलेआम कांग्रेस के लोगों ने गायें काटीं हैं, वो हिंदुओं को चिढ़ाना चाहते हैं.''

उन्होंने प्रधानमंत्री के बारे में कहा, ''ये सब भी उनकी निगाहों में होगा, इस विषय पर भी उन्हें कुछ बोलना चाहिए.''

वो कहते हैं ,''किसी भी तरह की हिंसा को जायज़ नहीं ठहराया जा सकता लेकिन कोई हम पर हमला करेगा और हम चुपचाप बैठे रहें इसलिए क्योंकि हिंसा ठीक नहीं है, दुनिया में कोई समझदार आदमी इस बात को मान्यता प्रदान नहीं करेगा.''

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
No need to take finger at entire guraksaksak: Vishwa Hindu Parishad
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X