Jail or Bail: अर्नब गोस्वामी की याचिका पर आज सुनवाई करेगा बॉम्बे HC
मुंबई। इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल पाई है। गुरुवार शाम को इस मामले पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने अर्नब गोस्वामी को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने मामले को यह कहते हुए शुक्रवार 3 बजे के लिए सूचीबद्ध कर दिया, कि वह मामले को "विस्तार से" सुनना चाहता है।
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इससे पहले, सुनवाई के दौरान अर्नब गोस्वामी के वकील आबाद पोंडा ने कहा कि मामला फिर से खोलने के बाद नई जांच शुरू करना आपराधिक कानून के सिद्धांतों के खिलाफ है। इसी आधार पर अर्नब के वकील ने अपने मुवक्किल के लिए अंतरिम राहत की मांग की। अर्नब के वकील ने कहा, मामले में 2019 में पुलिस द्वारा दायर 'ए' समरी को मजिस्ट्रेट ने स्वीकार कर लिया था और वो बरकरार है, जिसे चुनौती नहीं दी गई है।
वकील पोंडा ने कहा कि, एक नागरिक को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है। यहां तक कि एक सेकंड के लिए किसी की अवैध हिरासत को संवैधानिक अदालत द्वारा नहीं माना जा सकता है। इसलिए मेरे मुवक्किल को अंतरिम राहत प्रदान की जाए। इस पर हाईकोर्ट के जस्टिस शिंदे ने कहा कि अन्य महत्वपूर्ण मामले लंबित हैं। कल छुट्टियों से पहले आखिरी दिन है। हम ये स्पष्ट कर रहे हैं कि हम गहराई से जांच करने के लिए तैयार हैं। हमें प्रतिवादी को जवाब देने का अवसर देना होगा।
इससे पहले बुधवार को अलीबाग की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने अर्नब को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था, हालांकि पुलिस की ओर से पुलिस कस्टडी की मांग की गई थी जिसे अदालत ने नकार दिया। बता दें कि ये मामला मई 2018 का है, जिसमें 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक ने आत्महत्या की थी और अपने सुसाइड नोट में तीन लोगों के नाम लिखे थे। नोट में अर्नब गोस्वामी के अलावा फिरोज शेख और नीतीश सारडा का नाम था।
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