IIT बॉम्बे में इस साल नहीं होगा फेस टू फेस लेक्चर, गरीब छात्रों को ऑनलाइन सुविधा देने में जुटा संस्थान
नई दिल्ली: कोरोना वायरस की वजह से सभी शिक्षण संस्थानों को सरकार ने तीन महीने पहले ही बंद कर दिया था। इस बीच छात्रों के लिए आईआईटी बॉम्बे ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके तहत इस साल के अंत तक संस्थान में कोई भी फेस टू फेस लेक्चर नहीं होगा। संस्थान ने ये फैसला छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए लिया है। 62 साल में ऐसा पहली बार हो रहा जब बिना छात्रों के आईआईटी नया सत्र शुरू करेगा।
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इस संबंध में आईआईटी बॉम्बे के डायरेक्टर ने फेसबुक पर एक पोस्ट भी लिखी है। उन्होंने कहा कि संस्थान के लिए छात्र पहली प्राथमिकता हैं, लंबे विचार विमर्श के बाद ये फैसला लिया गया है कि अगले सेमेस्टर को पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि कई छात्र गरीब परिवार से आते हैं, जिनके पास लैपटॉप और ब्रॉडबैंड जैसी सुविधाएं नहीं हैं। संस्थान नहीं चाहता है कि जरूरतमंद छात्र शिक्षा से वंचित रहें। एक अनुमान के मुताबिक अभी 5 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। इसके लिए कुछ पूर्व छात्रों ने मदद की है, लेकिन वो पर्याप्त नहीं है। ऐसे में उन्होंने संपन्न लोगों से मदद की भी अपील की है, ताकी गरीब छात्रों की शिक्षा जारी रहे।
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दूसरे
संस्थान
भी
उठा
सकते
हैं
कदम
सरकार
की
ओर
से
साफ
कर
दिया
गया
है
कि
जब
तक
कोरोना
वायरस
की
वैक्सीन
नहीं
आती
है,
तब
तक
सोशल
डिस्टेसिंग
के
जरिए
ही
कोरोना
से
बचा
जा
सकता
है।
ऐसे
में
आईआईटी
दिल्ली
भी
इस
दिशा
में
कदम
उठाने
पर
विचार
कर
रहा
है।
आईआईटी
दिल्ली
प्रबंधन
के
मुताबिक
मौजूदा
हालात
को
देखते
हुए
क्लास
ऑनलाइन
शुरू
की
जाएंगी।
वहीं
जो
प्रोक्टिकल
बचे
रहेंगे
उन्हें
कॉलेज
खुलने
के
बाद
करवा
दिया
जाएगा।