आर्टिकल 35A पर सुप्रीम कोर्ट में इसी हफ्ते होगी सुनवाई
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाले अनुच्छेद 35ए को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में इसी हफ्ते सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाएं इस सप्ताह 26-28 फरवरी से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई हैंं। दूसरी तरफ, जम्मू-कश्मीर प्रशासन का कहना है कि वह अनुच्छेद 35ए से संबंधित अपने स्टैंड पर कायम है।
आर्टिकल 35 ए में बदलाव को लेकर जारी बहस के बीच जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने साफ किया है कि उनके रुख में कोई परिवर्तन नहीं आया है। प्रशासन ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा है कि चुनी हुई सरकार ही इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट में स्टैंड रख पाएगी। राज्य प्रशासन के वरिष्ठ नौकरशाह रोहित कंसल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 35 ए पर सुनवाई को टालने के अनुरोध पर राज्य सरकार का रुख वैसा ही है जैसा 11 फरवरी को अनुरोध किया गया था।
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राज्य सरकार के स्टैंड में कोई बदलाव नहीं
रोहित कंसल ने जम्मू-कश्मीर के लोगों से अपील की और कहा कि आर्टिकल 35ए को लेकर किसी भी अफवाह पर ध्यान ना दें। उन्होंने कहा कि आधी-अधूरी सूचनाओं पर गौर ना करें, जो भी सूचनाएं अभी आ रही हैं, उनमें से अधिकतर निराधार हैं। वहीं, ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि केंद्र की मोदी सरकार अध्यादेश लाकर इस अनुच्छेद में बदलाव कर सकती है।
राज्य सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से आर्टिकल 35 ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आगामी सुनवाई को स्थगित करने की मांग करते हुए सभी पक्षों के बीच एक पत्र वितरित की अनुमति मांगी थी। उन्होंने कहा कि इस वक्त राज्य में कोई निर्वाचित सरकार नहीं है। बता दें कि इस मामले में सुनवाई से पहले जम्मू-कश्मीर में अर्द्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों को भेजा गया है जिसमें सीआरपीएफ की 35 कंपनियां, बीएसएफ की 35 कंपनियां, एसएसबी की 10 और आईटीबीपी की 10 कंपनियां शामिल हैं।