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कोर्ट के बाहर निर्भया और दोषियों के वकील के समर्थक आपस में भिड़े

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नई दिल्ली। निर्भया के दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं, लेकिन बावजूद इसके दोषी और उनके परिजन हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं ताकि फांसी की सजा टाल दिया जाए। दिल्ली की पटियाला हाई कोर्ट में आज निर्भया के दोषी की याचिका पर सुनवाई हुई। लेकिन इससे पहले निर्भया के परिजनों के समर्थक और निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह के समर्थकों के बीच मारपीट हो गई। दोनों ही पक्षों के समर्थकों के बीच कोर्ट के बाहर जमकर मारपीट हुई। इस दौरान पुलिस यहां मौजूद थी, लेकिन इसके बाद भी दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई।

पुलिस ने किया दोनों पक्षों को अलग

पुलिस ने किया दोनों पक्षों को अलग

निर्भया के परिजनों के समर्थक और दोषियों के वकील के समर्थकों के बीच मारपीट के दौरान पुलिस ने बीच बचाव करने की कोशिश की और दोनों ही पक्षों को अलग किया। बता दें कि चार दोषियों में एक पवन गुप्ता की क्यूरेटिव पिटिशन खारिज कर दी गई है। इसमें उसके नाबालिग होने का दावा किया गया था। वहीं पवन और अक्षय की दूसरी दया याचिका पर राष्ट्रपति ने विचार करने से इंकार कर दिया है। वहीं पवन के वकील एपी सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट में सब काम बंद है, लेकिन यह नहीं हो रहा है कि फांसी की सजा पर रोक लगाई जाए। यह बहुत दुखद बात है। यह सब प्रेशर में हो रहा है। यह जो कुछ भी फैसला है, इसे हम आगे देखेंगे।

फांसी टालने की हर संभव कोशिश

फांसी टालने की हर संभव कोशिश

गौरतलब है कि निर्भया के दोषियों की ओर से फांसी की टालने की हर संभव कोशिश की जा रही है। इससे पहले दोषियों की ओर से एक-एक करके अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई, लेकिन इन तमाम याचिकाओं को कोर्ट ने खारिज कर दिया है और इन दोषियों के सभी विकल्प खत्म हो चुके हैं। इस बीच दोषियों के परिजन अब हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि किसी तरह से फांसी की सजा टल जाए। दोषी अक्षय ठाकुर की पत्नी पुनीता देवी ने दो दिन पहले कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी डाली थी। लेकिन पुनीता आज इस केस की सुनवाई के वक्त कोर्ट में उपस्थित नहीं हुईं।

विधवा के तौर पर जीवन नहीं जीना चाहती

विधवा के तौर पर जीवन नहीं जीना चाहती

बता दें कि नवीनगर प्रखंड के लहंग कर्मा गांव के रहने वाले अक्षय ठाकुर की पत्नी पुनीता ने औरंगाबाद फैमिली कोर्ट में तलाक की याचिका दायर की थी और कहा था कि पति अक्षय की फांसी के बाद वह विधवा के तौर पर अपना जीवन नहीं व्‍यतीत करना चाहती है। इसलिए उसे पति से तलाक लेना चाहती है। अक्षय की पत्नी ने अपनी अर्जी में कहा है कि उनके पति को बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया गया है और उन्हें फांसी दिया जाना है हालांकि वो निर्दोष हैं ऐसे में वह उनकी विधवा बन कर नहीं रहना चाहती। हालांकि ये तलाक की अर्जी अक्षय की पत्नी पुनीता देवी के इस केस को दोषी को बचाने का एक कानूनी पैंतरा हैं। अब पुनीता देवी की अनुपस्थिति को भी इसी की अगली कड़ी माना जा रहा है।

इसे भी पढ़ें- Nirbhaya case: तिहाड़ की जेल नंबर 3 फांसी के लिये तैयार, दोषियों की उड़ी नींद, जानिए कैसे दी जाएगी फांसी

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English summary
Nirbhaya supporters and convicts lawyer supporters clash at Patiala court.
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