निर्भया केस: फांसी की सजा पाए दोषियों ने तिहाड़ जेल प्रशासन से की अधिसूचना वापस लेने की मांग
नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप केस में फांसी की सजा पाए तीन दोषियों ने जेल अधिकारियों को पत्र लिखा है। तीनों दोषियों ने जेल अधिकारियों से 29 अक्टूबर की अधिसूचना को वापस लेने का अनुरोध किया है। बता दें कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने दोषियों को फांसी की सजा के खिलाफ राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने के लिए सात दिनों का वक्त दिया है।
मौत की सजा पाए विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह और पवन कुमार गुप्ता के वकील एपी सिंह ने कहा कि तीनों दोषियों ने जेल अधिकारियों को पत्र लिखकर कई आधार पर अधिसूचना वापस लेने की मांग की है। 29 अक्टूबर को जेल प्रशासन ने अधिसूचना जारी करते हुए कहा था कि दोषियों ने फांसी की सजा के खिलाफ अगर 7 दिन में राष्ट्रपति के पास दया याचिका नहीं लगाई तो, फांसी पर लटकाने के लिए आगे की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी।
निर्भया गैंगरेप में अक्षय, विनय और मुकेश तिहाड़ जेल में जबकि पवन मंडोली जेल में बंद है। इस केस में एक अन्य आरोपी राम सिंह ने जेल में ही आत्महत्या कर ली थी। निर्भया के दोषियों के पास अब केवल राष्ट्रपति की दया का ही विकल्प है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा फांसी की सजा बरकरार रखने के बाद अभी तक चारों दोषियों ने राष्ट्रपति से दया की गुहार नहीं लगाई है। नोटिफिकेशन के मुताबिक, अगर ये चारों एक हफ्ते में दया याचिका दाखिल नहीं करते हैं तो इनको फांसी देने की तैयारी शुरू हो जाएगी।
बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 की रात 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा निर्भया से दिल्ली में चलती बस में 6 दरिंदों ने गैंगरेप किया था और बुरी तरह जख्मी कर निर्भया को सड़क पर फेंक दिया था। इन दरिंदों की हैवानियत का शिकार निर्भया ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था, जिसके बाद देशभर में बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के खिलाफ आवाजें बुलंद होने लगी थी।