निर्भया केस: फांसी टालने की एक और कोशिश नाकाम, SC ने खारिज की दोषी मुकेश की याचिका
नई दिल्ली। वकील वृंदा ग्रोवर के खिलाफ दायर की गई निर्भया रेप केस में दोषी मुकेश सिंह की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। मुकेश ने याचिका में अपनी पूर्व वकील ग्रोवर पर आपराधिक साजिश रचकर उसे धोखा देने का आरोप लगाया था और मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। जस्टिस मिश्रा ने याचिका को कहते हुए खारिज कर दिया कि याचिका सही मैंटेनेबल नहीं है। इस याचिका को मुकेश की फांसी टालने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा था।
मुकेश ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि उसकी पूर्व वकील वृंदा ग्रोवर ने उस पर दबाव डालकर क्यूरेटिव याचिका दाखिल करवाई। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट उसे फिर से क्यूरेटिव याचिका और दया याचिका दाखिल करने का मौका दे। एमएल शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में मुकेश सिंह ने याचिका दायर करने की तारीख से तीन साल तक क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने की सीमा अवधि का दावा किया। उसकी पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2018 में खारिज कर दिया था। मुकेश सिंह ने अब अदालत से उसके लिए उपलब्ध अधिकारों को बहाल कर जुलाई 2021 तक क्यूरेटिव और दया याचिका दायर करने की अनुमति देने की मांग की थी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
20 मार्च को होनी है चारों दोषियों को फांसी
निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के चारों दोषियों को 20 मार्च को फांसी होनी है। मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को सुबह 6 बजे करीब फांसी पर लटाकाया जाने का ऑर्डर है। दिल्ली में 2012 में चलती बस में 23 साल की छात्रा के साथ गैंगरेप किया गया था। रेप के बाद उसको बुरी तरह से जख्मी कर सड़क पर फेंक दिया था। अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था। एक आरोपी ने कथित तैर पर आत्महत्या कर ली और एक नाबालिग सजा काटकर रिहा हो चुका है। वहीं मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है।
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