निर्भया केस को दूसरे जज के पास भेजा गया, दिल्ली कोर्ट ने केस ट्रांसफर की मांग की मंजूर
नई दिल्ली। 2012 के निर्भया गैंगरेप केस में दोषियों को फांसी दिलवाने के मामले को दूसरे जज की अदालत में ट्रांसफर करने की पीड़िता की मां की मांग को पटियाला हाउस कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। पीड़िता की मां द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केस को एएसजे सतीश अरोड़ा की बेंच को ट्रांसफर कर दिया। पीड़िता के माता-पिता इस बात की गुहार लगा रहे हैं कि जब दोषी बचाव के सारे कानूनी प्रावधानों का इस्तेमाल कर चुके हैं, तब उन्हें सजा दिए जाने में देरी क्यों हो रही है।
इसके पहले, कोर्ट ने 17 नवंबर को पीड़िता की मां की दूसरे जज को मामले को ट्रांसफर करने की अर्जी स्वीकार कर ली थी, जिसपर आज फैसला आया। निर्भया के माता-पिता की यह याचिका लगभग एक साल से पड़ी हुई थी, लेकिन फास्ट-ट्रैक कोर्ट में जज का पद खाली रहने की वजह से इसपर सुनवाई नहीं हो पा रही थी। सात साल पहले देश की राजधानी दिल्ली में पैरामेडिकल छात्रा के साथ हुए गैंगरेप ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।
इस मामले को लेकर पूरे देशभर में प्रदर्शन हुए और दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की जाने लगी। पीड़िता की मां ने कोर्ट ने लंबी कानूनी लड़ी। इसी मामले में निर्भया के माता-पिता ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि अदालत तिहाड़ जेल के अधिकारियों को निर्देश दे ताकि रेप के दोषियों सजा पर जल्द से जल्द मुकर्रर करवाई जा सके। लेकिन, फास्ट-ट्रैक कोर्ट में जज ना होने के कारण उनकी यह मांग लंबित पड़ी रही।
पीड़िता की मां द्वारा दायर याचिका में याचिका में इस केस को दूसरी अदालत में ट्रांसफर करने के पीछे दलील दी गई थी कि जिस कोर्ट में उनके केस की सुनवाई चल रही है, उसके दो-दो जजों का तबादला हो जाने की वजह से यह मामला लगातार लटका हुआ है। याचिका में इस बात का भी जिक्र किया गया कि पीड़िता के माता-पिता ने तब अदालत का दरवाजा खटखटाया है, जब दोषियों ने सारे कानूनी उपायों का इस्तेमाल कर लिया है।