"नीरव मोदी ज़मानत याचिका ख़ारिज होने के दौरान लगातार कुछ लिख रहे थे"
नीरव मोदी को लंदन के होल्बोर्न इलाक़े से 19 मार्च को गिरफ़्तार किया गया था जिसके बाद उन्हें लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश किया गया. उस समय अदालत ने नीरव मोदी को 29 मार्च तक हिरासत में भेज दिया था.
भारत के हीरा कारोबारी नीरव मोदी की ज़मानत याचिका लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने ख़ारिज कर दी है.
नीरव मोदी को लंदन के होल्बोर्न इलाक़े से 19 मार्च को गिरफ़्तार किया गया था जिसके बाद उन्हें लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश किया गया. उस समय अदालत ने नीरव मोदी को 29 मार्च तक हिरासत में भेज दिया था.
48 साल के नीरव मोदी ने शुक्रवार (29 मार्च) को अदालत से ज़मानत की अपील की थी लेकिन अदालत ने उनकी अपील को ख़ारिज करते हुए उन्हें दोबारा हिरासत में भेजने का आदेश दिया.
नीरव मोदी की जमानत याचिका ख़ारिज होने के वक्त कोर्ट में मौजूद बीबीसी संवाददाता गगन सभरवाल ने बताया, "मैं पहली बार नीरव मोदी से मिल रहा था, अब तक मेरे जेहन में उनकी बहुत अलग तस्वीर थी. जिस नीरव मोदी को मैंने अख़बारों में और टीवी पर देखा था, उनकी छवि महंगे कपड़े पहने एक स्मार्ट आदमी की थी, जिसके चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान थी."
वो कहते हैं, "लेकिन जिस नीरव मोदी को मैंने आज कोर्ट में देखा है वो बिल्कुल इसके उलट दिख रहे थे. नीरव तुड़े मुड़े सफ़ेद शर्ट पहने थे. वो निराश और अशांत दिख रहे थे और उन्होंने अपनी दाढ़ी भी नहीं बना रखी थी. व्याकुल नीरव के चेहरे पर उदासी छायी हुई थी. कोर्ट में सुनवाई के दौरान वो नोट बना रहे थे. मैंने पहले कभी किसी अभियुक्त को ऐसा करते नहीं देखा, यहां तक कि विजय माल्या को भी नहीं. ये तो आमतौर पर अभियुक्त के वकील, कोर्ट के कर्मचारी और मेरे जैसे पत्रकार ही नोट लिखा करते हैं. लेकिन नीरव अलग हैं. मुझे लगता है कि इसके पीछे उनकी मंशा कोर्ट में आगे की सुनवाई को लेकर अपनी तैयारी पुख्ता करने की होगी."
Exclusive: Telegraph journalists tracked down Nirav Modi, the billionaire diamond tycoon who is a suspect for the biggest banking fraud in India's historyhttps://t.co/PpsjGeFEsy pic.twitter.com/v3dN5NotzQ
— The Telegraph (@Telegraph) 8 March 2019
जब चीफ़ मैजिस्ट्रेट एमा आर्बथनॉट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया, तो वो परेशान दिखे और चौंके भी क्योंकि उन्होंने अपनी जमानत राशि के रूप में एक मिलियन पाउंड तक देने की पेशकश की थी. लेकिन मामले की गंभीरता और उन पर लगे आरोपों (सबूतों को नष्ट करना, झूठे बयान के बदले किसी को 22 हज़ार पाउंड की पेशकश करना, गवाहों के साथ दखल देना इत्यादि) के कारण जज ने उनकी जमानत याचिका रद्द कर दी. ये वो ही महिला जज हैं जिन्होंने विजय माल्या के प्रत्यर्पण का फ़ैसला दिया था."
नीरव मोदी के वकील ने क्या कहा?
नीरव मोदी के वकील क्लेयर मोंटगोमरी ने कहा कि नीरव मोदी जनवरी 2018 से ब्रिटेन में रह रहे हैं. अगस्त 2018 से उन्हें प्रत्यर्पित किए जाने की बात चल रही है. उनके पास छुपने की कोई जगह नहीं है. वो ब्रिटेन में आज़ादी से रह रहे हैं और कभी छुपने की कोशिश नहीं की.
अदालत से ज़मानत की अपील करते हुए नीरव मोदी के वकील ने कहा, ''बचाव पक्ष का सुझाव है कि नीरव मोदी को ज़मानत देकर घर में नज़रबंद कर दिया जाए और उनकी एलेक्ट्रोनिक मॉनिटरिंग भी की जा सकती जो कि पहले से ज़्यादा सख़्त है और इस दौरान वो स्थानीय पुलिस स्टेशन को रिपोर्ट कर सकते हैं. आप उन्हें ख़ास तरह का फ़ोन दे सकते हैं कि जिनसे अधिकारी हमेशा उनसे संपर्क में रह सकते हैं.''
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नीरव मोदी को भारत लाने का प्रयास कर रही भारतीय एजेंसियों की पैरवी करते हुए टोबी कॉडमैन ने दलील दी कि नीरव मोदी भारतीय जाँच एजेंसियों के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं और इस बात की आशंका है कि वो ब्रिटेन से फ़रार हो सकते हैं. वकील कॉडमैन ने कहा कि बेल देने पर नीरव सबूतों को नष्ट कर सकते हैं और गवाह पर दबाव डाल सकते हैं. अगर नीरव मोदी को ज़मानत मिलती है तो हमलोग इसके ख़िलाफ़ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे. नीरव को हिरासत में रखने के लिए हमलोग हर संभव कोशिश करेंगे.
लेकिन अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद नीरव मोदी की ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी.
नीरव मोदी भारत के पंजाब नेशनल बैंक के क़रीब 14 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक के फ्रॉड में मुख्य अभियुक्त हैं.