खराब खाने का वीडियो डालने वाला BSF जवान किसी भी 'विदेशी' संपर्क में नहीं था: NIA
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर बीएसएफ जवानों को खराब खाना परोसने का मुद्दा उठाने वाले बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर पर आरोप लगे थे कि वह विदेशी संपर्क में था। लेकिन एनआईए द्वारा की गई जांच में सामने आया है कि जवान तेज बहादुर सोशल मीडिया के माध्यम से किसी भी विदेशी एजेंसी के संपर्क में नहीं थे। इंडियन एक्सप्रेस में छपी ख़बर के अनुसार, खाने की ख़राब गुणवत्ता का वीडियो सोशल मीडिया पर डालने के बाद अनुशासनहीनता के मामले में बर्ख़ास्त किए गए तेज बहादुर के सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल की जांच एनआईए कर रहा था।

NIA ने तेज बहादुर के फेसबुक चैट, कॉल और ट्विटर अकाउंट को खंगाल
रिकॉर्ड के अनुसार, बीएसएफ़ महानिदेशक केके शर्मा ने पिछले साल 18 जनवरी को एनआईए जांच की मांग की थी। इसके बाद एनआईए तेज बहादुर के फेसबुक चैट, कॉल और ट्विटर अकाउंट को खंगाल रही थी। लेकिन एनआईए द्वारा जमा की गई रिपोर्ट में कहा गय़ा है कि तेज बहादुर के किसी भी विदेशी संपर्क में होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। गौरतलब है कि तेज बहादुर ने जवानों को ख़राब खाना दिए जाने का वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया था जिसके बाद कई दूसरे सुरक्षाबलों के जवानों ने अपनी समस्याओं को सोशल मीडिया के ज़रिए उठाया था।

वीडियो पोस्ट करने से पहले और बाद में कोई विदेशी संपर्क के सबूत नहीं मिले
जांच रिपोर्ट में कहा गया है, 'सबूत के तौर पर एनआईए ने उनके फोन और अन्य इलेक्ट्रोनिक डिवाइस को भी खंगाला था, लेकिन वहां से भी किसी भी विदेशी संपर्क का दस्तावेज नहीं मिला है। एनआईए ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि, 9 जनवरी 2017 को वीडियो पोस्ट करने से पहले की कॉल की डिटेल की जांच की गई थी। जिसमें किसी भी विदेशी संपर्क का कोई सबूत नहीं दिखा है। उनके कॉल डिटेल में यूके, सऊदी अरब, यूएई, ऑस्ट्रेलिया और कोरिया के किसी भी नंबर से संपर्क का कोई भी कनेक्शन नहीं मिला है।

हाईकोर्ट बोला- कोई रोटी मांगे तो क्या उसकी रोटी छीन लेंगे
एनआईए ने तेज बहादुर के कॉल रिकॉर्ड की भी जांच की लेकिन उसे कुछ नहीं मिला। एनआईए की जांच रिपोर्ट पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में पेश की गई है, जहां पूर्व जवान ने ख़ुद की बहाली को लेकर अर्ज़ी दायर की हुई है। इस मामले की सुनवाई बुधवार को हुई थी। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि ये ब्लंडर है। कोई रोटी मांगे तो क्या उसकी रोटी छीन लेंगे। हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल यानी डीजी को नोटिस जारी कर 28 मई तक जवाब मांगा है। तेज बहादुर ने एडवोकेट एसपी यादव के जरिये दायर याचिका में बताया कि उसने बीएसएफ से वीआरएस के तहत स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति देने की मांग की थी। पहले उसे इसकी इजाजत दे दी गई लेकिन बाद में उसकी वीआरएस के आदेशों को रद्द कर उसे सेवा से बिना कोई पूर्व नोटिस दिए ही बर्खास्त कर दिया गया।