एनआईए की चार्जशीट के जरिए जाने कैसे हुआ था पठानकोट आतंकी हमला
जनवरी 2016 में हुए पठानकोट आतंकी हमले में आखिरकार राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दायर की चार्जशीट। जैश के सरगना मौलाना मसूद अजहर समेत जैश के डिप्टी चीफ और प्राइम हैंडलर काशिफ जान मुख्य आरोपी।
नई दिल्ली । राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को पठानकोट आतंकी हमले में चार्जशीट फाइल कर दी है। इस चार्जशीट में एनआईए ने जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अजहर को मुख्य आरोपी बताया है। अजहर के अलावा इस चार्जशीट में मुफ्ती अब्दुल रउफ असगर, डिप्टी चीफ शाहिद लतीफ और लॉन्चिग हैंडलर काशिफ जान के भी नाम हैं।
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क्या है एनआईए की चार्जशीट में
इन सभी को आईपीसी के अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट 1967 के तहत आरोपी बनाया गया है। एनआईए ने आतंकी हमले में चार और आतंकियों का नाम चार्जशीट में दर्ज किया है।
इस चार्जशीट में कहा गया है कि हमले के चारों हमलावर नासिर हुसैन, हाफिज अबु बकर, उमर फारूक और अब्दुल कयूम के खिलाफ भी अपराध साबित हुए हैं। इन चारों हमलावरों की हमले के दौरान ही मौत हो गई थी।
एनआईए की चार्जशीट के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद की ओर से एक साजिश के तहत इस आतंकी हमले को अंजाम दिया गया। इसका मकसद भारत की सरकार के खिलाफ एक युद्ध छेड़ना था। जैश ने पाकिस्तान और पीओके के कई इलाकों में अपने ट्रेनिंग कैंप्स बना लिए हैं।
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आतंकियों को मिली ट्रेनिंग
ट्रेनिंग प्रोग्राम के दौरान आतंकियों को शारीरिक, सैन्य और रणनीतिक प्रशिक्षण के तहत कई तरह से प्रेरणा दी गई। इन आतंकियों को जेहाद के लिए तैयार किया गया था और इन्हें चरमपंथ के लिए प्रेरित किया गया था।
चार्जशीट में एनआईए ने कहा है कि आतंकियों ने गैर-कानूनी तरीके से भारत-पाक सीमा को पार किया और सिंबल बॉर्डर ऑउटपोस्ट के जंगलों के सहारे वह यहां तक पहुंचे।
भारत में घुसपैठ करने के बाद ये आतंकी जनियाल के भगवाल गांच पहुंचे। 31 दिसंबर 2015 को करीब 9:30 बजे आतंकियों ने एक इनोवा टैक्सी को हाइजैक कर लिया जिसे इकागार सिंह नामक व्यक्ति ड्राइव कर रहा था।
आतंकियों ने ड्राइवर से उसका मोबाइल छीन लियास और फिर इसी के जरिए अपने हैंडलर काशिफ जान से कांटैक्ट किया।
आतंकियों ने पाकिस्तान के तीन नंबरों- 923453030479, 923213132786 and 923017775253 पर कॉल किया।
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ड्राइवर की हत्या
रावी नदी के पुल के पास धुसी मोड़ पर गाड़ी की एक्सीडेंट हो गया। आतंकियों ने ड्राइवर की हत्या कर दी और फिर उसकी लाश को दफना दिया। इसके बाद आतंकी इनोवा गाड़ी को पठानकोट के कोलियान मोड़ स्थित सर्विस सेंटर लेकर गए और उसे वहीं पर छोड़ दिया।
इनोवा को छोड़ने के बाद आतंकी पास के गन्ने के खेत में छिप गए और एक और गाड़ी का इंतजार करने लगे।
यहां पर आतंकियों ने महिंद्रा की उस एक्सयूवी को हाइजैक किया जो पंजाब पुलिस के एसपी सलविंदर सिंह की थी। यहां से आतंकी पठानकोट स्थित इंडियन एयरफोर्स स्टेशन की ओर बढ़ने लगे।
एक जनवरी को बढ़े एयरफोर्स स्टेशन की ओर
एक जनवरी 2016 को सुबह करीब चार बजे आतंकी अकालगढ़ गांव पहुंचे जो एयरफोर्स स्टेशन के पास ही है। यहां से आतंकी एयरफोर्स स्टेशन की ओर पैदल गए। जांच के दौरान एनआईए को आतंकियों की ओर से प्रयोग किया जा रहा वॉकी-टॉकी सेट भी बरामद हुआ।
एक स्लिप भी मिली जिस पर लिखा था, 'जैश-ए-मोहम्मद जिंदाबाद, तंगधार से लेकर सांबा, कठुआ, राजबाग और दिल्ली तक अफजल गुरु शहीद के जान निसार तुमको मिलते रहेंगे। इंशाल्लाह। एजीएस 25-12-15। '
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दो जनवरी को लॉन्च किया अटैक
महिंद्रा एक्सयूवी को एक जगह छोड़ने के बाद आतंकी पैदल ही एयरफोर्स स्टेशन के पश्चिम की ओर बढ़े। आतकी दिवार पर लगी कांटेदार तारों को काटकर एयरफोर्स स्टेशन के अंदर पहुंचे। एयरफोर्स स्टेशन के अंदर आने के बाद आतंकियों ने खुद को एक नाले में छिपा लिया।
एयरफोर्स स्टेशन में छिपे रहने के दौरान ही आतंकियों ने काशिफ जान को फिर से कॉल किया। दो जनवरी 2016 को आतंकियों ने फायरिंग और ग्रेनेड के साथ हमले की शुरुआत की।
आतंकियों ने खासतौर पर एमटी स्टेशन पर खड़ी गाड़ियों फ्यूल टैंक्स को निशाना बनाया। इसकी वजह से आग लग गई और गाड़ियों के साथ बिल्डिंग्स को भी खासा नुकसान पहुंचा।
एनआईए चार्जशीट मुताबिक ऐसा लोगों में डर पैदा करने के लिए किया गया था। आतंकी हमले में 37 लोग घायल हुए तो सात जवान शहीद हो गए थे।