आज की ताजा खबर: फटाफट पढ़िए, 02 जनवरी की बड़ी खबरें
नए साल 2017 के पहले कामकाजी दिन 2 जनवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक बना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने दो फैसले के जरिए देश के नेताओं और बीसीसीआई दोनों को ही ढेर कर दिया है।
नई दिल्ली। यूपी में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी माहौल गरमाता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में परिवर्तन महारैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस, सपा और बसपा तीनों पर निशाना साधा। समाजवादी पार्टी में जारी घमासान लगातार नया मोड़ ले रहा है। इस बीच नए साल 2017 के पहले कामकाजी दिन 2 जनवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक बना दिया। सुप्रीम कोर्ट ने एक साथ दो फैसले के जरिए देश के नेताओं और बीसीसीआई दोनों को ही ढेर कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संवैधानिक पीठ ने जहां एक तरफ अहम फैसल में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी या उसके समर्थकों के धर्म, जाति, समुदाय, भाषा के नाम पर वोट मांगने को पूरी तरह से गैरकानूनी करार दिया है। वहीं दूसरी तरफ बीसीसीआई के अध्यक्ष और भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर को उनके पद से हटा दिया है।
दिनभर की बड़ी खबरों पर एक नजर...
पीएम मोदी बोले, यूपी में 14 वर्षों से विकास का वनवास हो गया
यूपी में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं। इस बीच लखनऊ में बीजेपी की परिवर्तन महारैली को संबोधित करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां लोगों की भीड़ को देखकर मंत्र-मुग्ध हो गए। उन्होंने कहा कि जीवन में इतनी बड़ी रैली को संबोधित करने का अवसर नहीं मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रैली को देखकर हवा का रुख समझा जा सकता है। कुछ लोग कहते हैं कि बीजेपी का यूपी में 14 साल का विकास खत्म होगा, मुद्दा बीजेपी के वनवास का नहीं है, यूपी ने पिछले 14 साल में विकास का वनवास हो गया। यूपी का भाग्य बदलने के लिए ढाई साल में केंद्र सरकार ने यूपी को ढाई लाख करोड़ रुपये दिए। हिंदुस्तान का भाग्य बदलने के लिए पहली शर्त है कि हमें उत्तर प्रदेश का भाग्य बदलना पड़ेगा। रैली में पीएम मोदी ने इशारों-इशारों मेंं विरोधियों पर निशाना साधा। साथ ही यूपी की जनता से बीजेपी के पक्ष वोट डालने और बहुमत की सरकार बनाने का अनुरोध किया।
'साइकिल' चुनाव निशान के लिए मुलायम सिंह यादव पहुंचे चुनाव आयोग
रविवार को मुलायम सिंह यादव के हाथों से समाजवादी पार्टी का कंट्रोल अखिलेश यादव ने अपने हाथों में ले लिया। उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक पार्टी के अंदर इस बड़े तख्तापलट के बाद सपा को स्थापित करने वाले मुलायम अब अकेले पड़ गए हैं। उनके जो भी करीबी थे उन्होंने पाला बदल लिया और वे अखिलेश यादव के साथ चले गए हैं। इस बीच मुलायम सिंह यादव दिल्ली पहुंचे। जहां शिवपाल यादव, अमर सिंह और जयाप्रदा के साथ उन्होंने बैठक की। इस बीच मुलायम सिंह यादव शाम करीब 4.30 बजे चुनाव आयोग के कार्यालय में पहुंचे, सपा के चुनाव निशान साइकिल को लेकर अपना दावा ठोंका। इस दौरान उनके साथ शिवपाल यादव, अमर सिंह, जयाप्रदा भी मौजूद थे।
अब जबरन ग्राहकों से सर्विस चार्ज नहीं वसूल सकेंगे होटल और रेस्त्रां
अगर आप किसी होटल या रेस्त्रां में जाते हैं उसकी सेवा लेते हैं तो अब तक आपको सर्विस चार्ज देना पड़ता था, लेकिन अब ये आप पर निर्भर करेगा कि आप सर्विस चार्ज देते हैं या नहीं। इस बावत उपभोक्ता मामले के मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि होटल और रेस्त्रां के अंदर किसी भी ग्राहक से जोर-जबरदस्ती करके सर्विस चार्ज वसूल नहीं किया जा सकता है। उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को इस बावत निर्देश जारी करते हुए कहा कि वो कंपनियों, होटलों और रेस्त्रां को इस बात के लिए सूचित कर दें।
सुप्रीम कोर्ट ने अनुराग ठाकुर को बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से हटाया
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए अनुराग ठाकुर को बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से और अजय शिर्के को सचिव पद से हटा दिया। लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें लागू ना करने पर सुप्रीम कोर्ट ने यह कार्रवाई की है। बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद अनुराग ठाकुर ने कहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट को लगता है कि रिटायर्ड जजों की देखरेख में बीसीसीआई अच्छा काम करेगी तो मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं, उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि वो अच्छा काम करेंगे। अनुराग ठाकुर ने कहा कि बीसीसीआई देश की सबसे ज्यादा संगठित खेल संस्था है और भारत में उसके पास सबसे अच्छा क्रिकेट का इंफ्रास्ट्रक्चर है। उन्होंने कहा कि यह मेरी व्यक्तिगत तौर पर किसी के साथ लड़ाई नहीं हैं। पर यह खेल संस्थाओं की ऑटोनामी के लिए है। उन्होंने कहा कि देश के हर नागरिक की तरह मैं भी सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करता हूं।
SC का ऐतिहासिक फैसला, धर्म-जाति के नाम पर वोट मांगना गलत
सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संवैधानिक पीठ ने जहां एक तरफ अहम फैसल में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी या उसके समर्थकों के धर्म, जाति, समुदाय, भाषा के नाम पर वोट मांगने को पूरी तरह से गैरकानूनी करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि देश मे चुनाव एक धर्मनिरपेक्ष प्रक्रिया है। चुनावों में वोट मांगना संविधान की भावना के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ करते हुए कहा कि जन के प्रतिनिधियों को भी अपने कामकाज को धर्मनिरपेक्षता के आधार पर ही करने चाहिए। कहा जा रहा है सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का असर उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा, गुजरात जैसे राज्यों में होने वाले चुनावों में होगा।